Indian Citizen In UAE: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की 33 वर्षीय शहज़ादी खान ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है. शहज़ादी को एक नवजात शिशु की हत्या का दोषी ठहराया गया है, जिसके बाद उसे अबू धाबी की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. हालांकि, शहज़ादी के पिता का आरोप है कि उनकी बेटी को झूठा फंसाया गया है और उससे शारीरिक अत्याचार के माध्यम से कबूलनामा लिया गया.
क्या है पूरा मामला(Indian Citizen In UAE)
दिसंबर 2021 में शहज़ादी ने वर्क वीजा प्राप्त किया और अबू धाबी चली गईं, जहाँ उन्होंने एक नवजात शिशु की देखभाल करने वाली के रूप में काम करना शुरू किया था. 7 दिसंबर 2022 को बच्चे का टीकाकरण करवाने के बाद वह बीमार हो गया और उसी शाम उसकी दुखद मृत्यु हो गई. हालांकि डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम की सिफारिश की थी, लेकिन बच्चे के माता-पिता ने आगे की जांच से इंकार कर दिया और एक छूट पत्र पर हस्ताक्षर किए. मामला समाप्त होने जैसा दिखा
फरवरी 2023 में एक वीडियो सामने आया, जिसमें शहज़ादी ने बच्चे की हत्या करने का कबूलनामा किया. हालांकि, उसने बाद में दावा किया कि यह कबूलनामा शारीरिक यातना और मानसिक दबाव के माध्यम से जबरदस्ती लिया गया था.
शहज़ादी के परिवार का आरोप है कि उन्हें निष्पक्ष सुनवाई नहीं मिली और उन पर दबाव डाला गया ताकि वह अपने अपराध को स्वीकार करें. इसके बाद शब्बीर खान ने राष्ट्रपति से दया याचिका दायर की, लेकिन उनका दावा है कि उनकी पहली याचिका को नजरअंदाज किया गया. इसके बाद उन्होंने मई 2024 में एक नई दया याचिका दायर की और जुलाई 2024 में भारतीय दूतावास को एक और अनुरोध भेजा, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंची शहज़ादी
शब्बीर खान ने अब दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसमें सरकार से शहज़ादी के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है. उनकी याचिका में भारत सरकार से शहज़ादी की कानूनी स्थिति और फांसी की समयसीमा की पुष्टि करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है, साथ ही जबरन कबूलनामे और दुर्व्यवहार के दावों की स्वतंत्र जांच करने का भी अनुरोध किया गया है.