हैदराबाद : अपने बच्चे के लिए मां हर बाधा पार कर जाती है. ऐसी ही एक मां रजिया बेगम अकेले ही लॉकडाउन में 1400 किमी स्कूटी चलाकर अपने बेटे को लेने तेलंगाना से आंध्र प्रदेश ले आयीं. दिन-रात स्कूटी चलाते हुए इस मां ने रास्ते में जंगल और सुनसान सड़कों तक की परवाह नहीं की. रजिया बेगम निजामाबाद जिले के बोधन शहर में रहती हैं और सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं. उनके तीन बच्चे हैं और 14 साल पहले पति की मौत हो चुकी है. उनका बेटा मोहम्मद निजामुद्दीन बोधन में ही मेडिकल की पढ़ाई करता है. पिछले दिनों अपने एक दोस्त को छोड़ने वह आंध्र प्रदेश के नेल्लूर गया था, जहां वह लॉकडाउन में फंस गया.
रजिया बेगम ने बताया कि शुरू में लगा कि कुछ दिन में लॉकडाउन खत्म हो जायेगा और बेटा घर लौट आयेगा. लेकिन लॉकडाउन लंबा खिंचते देख उसकी चिंता होने लगी. नेल्लूर में कोरोना के मामले सामने आये हैं और वहां कोई उनका रिश्तेदार भी नहीं है.रजिया कहती हैं कि ऐसे में उन्होंने बेटे को खुद लाने का फैसला किया. वह मदद के लिए बोधन पुलिस के पास भी गयी थीं. पुलिस ने उनके बेटे को लाने या इसके लिए अनुमति पत्र देने में असमर्थता जतायी.
इसके बाद वह 6 अप्रैल की सुबह खुद ही स्कूटी से चल पड़ीं. 50 साल की रजिया बेगम 25 साल से स्कूटी चला रही हैं. वह पहले भी स्कूटी से हैदराबाद जा चुकी हैं. इतनी लंबी यात्रा के दौरान रजिया बेगम ने सामाजिक दूरी बनाये रखने का भी ध्यान रखा. वह रास्ते में सिर्फ पेट्रोल भरवाने व गाड़ी ठंडी करने के लिए रुकती थीं. खाना उन्होंने साथ बांध रखा था. यात्रा शुरू करने के दिन देर शाम वह तेलंगाना-आंध्र प्रदेश की सीमा पर पहुंचीं. वहां पुलिस ने उन्हें रोका, लेकिन मजबूरी सुन कर जाने दिया. वह मंगलवार सुबह सात बजे नेल्लूर अपने बेटे के पास पहुंच गयीं. फिर शाम को चार बजे निकलीं और बुधवार दिन में बोधन आ गयीं.