नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिये कोच्चि-मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन राष्ट्र को समर्पित करेंगे. यह कार्यक्रम 'एक राष्ट्र, एक गैस ग्रिड' के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा. इस अवसर पर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री के साथ-साथ कर्नाटक तथा केरल के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे.
कोच्चि-मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन 450 किलोमीटर लंबी होगी. इस पाइपलाइन का निर्माण गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा किया गया है. इसकी परिवहन क्षमता 12 मिलियन मीट्रिक मानक क्यूबिक मीटर प्रतिदिन है. यह केरल के कोच्चि स्थित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के पुनर्गैसीकरण टर्मिनल से एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, कन्नूर और कासरगोड जिले होते हुए मंगलुरु (दक्षिण कन्नड़ जिला, कर्नाटक) तक प्राकृतिक गैस ले जायेगी.
इस परियोजना की कुल लागत लगभग 3000 करोड़ रुपये थी. इस पाइपलाइन के निर्माण के दौरान 12 लाख से अधिक मानव-दिवस के बराबर के रोजगार सृजित हुए. इंजीनियरिंग की दृष्टि से इस पाइपलाइन को बिछाना एक चुनौती थी, क्योंकि इस पाइपलाइन का अपने मार्ग में 100 से अधिक स्थानों पर जल निकायों को पार करना जरूरी था. इस चुनौतीपूर्ण कार्य को क्षैतिज दिशात्मक ड्रिलिंग विधि नाम की एक विशेष तकनीक के जरिये पूरा किया गया.
इस पाइपलाइन की सहायता से आम लोगों के घरों में पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) और परिवहन क्षेत्र को संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) के रूप में पर्यावरण के अनुकूल और सस्ती ईंधन की आपूर्ति होगी. यह पाइपलाइन अपने मार्ग में पड़नेवाले जिलों की वाणिज्यिक और औद्योगिक इकाइयों को भी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करेगी. स्वच्छ ईंधन के उपभोग के जरिये वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाते हुए वायु की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी.