Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. इसी कड़ी में भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को घर वापसी का आदेश जारी किया गया था. पहले यह समय सीमा 30 अप्रैल तक तय की गई थी, लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ा दिया है.
अब तक अटारी बॉर्डर के रास्ते 55 पाकिस्तानी राजनयिकों समेत कुल 786 नागरिकों की वतन वापसी हो चुकी है. इनमें कई छात्र, पर्यटक और राजनयिक कर्मचारी शामिल हैं. लोगों की वापसी का यह सिलसिला अभी भी जारी है.
अब तक लौटे 1400 से अधिक लोग
24 अप्रैल से अब तक 1400 से अधिक लोग पाकिस्तान लौट चुके हैं, जिनमें करीब 25 वरिष्ठ अधिकारी और राजनयिक भी शामिल हैं. यह कदम भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए थे. अब केंद्र सरकार की हर गतिविधि से साफ है कि आतंक के खिलाफ सख्ती की नीति अपनाई जा रही है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्या कहा?
गुरुवार सुबह एक ट्वीट में जयशंकर ने कहा कि उन्होंने रुबियो के साथ पहलगाम हमले पर चर्चा की. उन्होंने कहा, “अमेरिकी विदेश मंत्री रूबियो के साथ पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा की. इसके दोषियों, समर्थकों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.” ब्रूस ने एक बयान में कहा कि रूबियो ने भारत और पाकिस्तान दोनों को क्षेत्रीय तनाव कम करने को कहा है. दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बातचीत करने के लिए दोनों देशों को कहा गया है.
पाकिस्तान ने कहा– भारत उकसा रहा है
उधर, अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से क्षेत्रीय हालात पर चर्चा की. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, शहबाज शरीफ ने रुबियो को पाकिस्तान की स्थिति से अवगत कराया, साथ ही भारत पर क्षेत्रीय तनाव को उकसाने का आरोप लगाया. बातचीत में पाकिस्तान ने अपनी चिंताएं और रुख स्पष्ट रूप से अमेरिकी पक्ष के सामने रखा.