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महाराष्ट्र विधानसभा में प्याज पर बवाल, प्याज की माला पहन कर पहुंचे NCP विधायक, गिरती कीमतों पर राहत की मांग

प्याज की गिरती कीमतों पर राहत की मांग को लेकर NCP विधायक प्याज की माला पहन कर महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचे. सोलापुर एपीएमसी में 58 वर्षीय एक शख्स 512 किलो प्याज बेचने के लिए 70 किलोमीटर की दूरी तय की थी. बिक्री के बाद, आश्चर्य की बात यह रही कि उन्हें 2 रुपये का चेक दिया गया.

NCP के विधायक मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचे और कीमतों में गिरावट के बीच प्याज की उचित कीमत की मांग करते हुए प्याज की माला पहनकर सिर पर प्याज लेकर पहुंचे. इससे पहले सोमवार को प्याज के कम थोक मूल्य के कारण किसानों ने नासिक के लासलगांव कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) में नीलामी रोक दी थी. इसके बाद महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

प्रति एकड़ 50 हजार की लागत, बिक्री मूल्य 10 हजार

आपको बताएं कि, प्याज की कीमतों में धीरे-धीरे गिरावट के कारण, किसानों ने लासलगाँव एपीएमसी में अपना आंदोलन शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप प्याज की नीलामी रुक गई. संगठन की मांग है कि प्याज को सही दाम पर बेचा जाए. नीलामी में प्याज की बिक्री बंद कर दी गई क्योंकि उन्हें 1 रुपये किलो या 2 रुपये किलो की कीमतों पर बेचा जा रहा था. प्याज की फसल की भारी पैदावार के कारण अन्य राज्यों में भी इसकी कीमतों में गिरावट आ रही है. किसानों बताया कि, उन्हें प्याज उगाने के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ की लागत आती है, जबकि वे नीलामी में बेची गई उपज के लिए केवल 10,000 रुपये से 20,000 रुपये कमाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि, ऐसे हालात में किसान आत्महत्या करने पर भी विचार कर रहे हैं.

किसानों में केंद्र और NAFED के खिलाफ आक्रोश

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (एसएसएस) ने प्याज की कीमतों में गिरावट का हवाला देते हुए शिर्डी-सूरत हाईवे पर चक्का जाम किया था. किसानों ने अपनी हड़ताल के दौरान सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए प्याज और अंगूर को जमीन पर फेंक दिया था. इसी तरह का विरोध तब देखा गया जब किसान संघ ने राज्य और केंद्र दोनों में सरकारों और NAFED के खिलाफ अपना गुस्सा दर्ज कराया.

512 किलो प्याज बेचने पर 2 रूपये की आमदनी

सोलापुर जिले में एक चौंकाने वाली घटना में, बोरगांव गांव के एक 58 वर्षीय प्याज किसान ने सोलापुर एपीएमसी में 512 किलो प्याज बेचने के लिए 70 किलोमीटर की दूरी तय की थी. बिक्री के बाद, आश्चर्य की बात यह रही कि उन्हें 2 रुपये का चेक दिया गया. महाराष्ट्र में प्याज मुख्य नकदी फसल है और यह देश के कुल मुख्य सब्जी उत्पादन का 35 से 40 प्रतिशत हिस्सा है. प्याज ही नहीं अन्य सब्जियां भी कम दामों पर बिक रही हैं, जिससे किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इसी तरह की एक अन्य घटना में, येवला तालुका कुसूर गांव के एक किसान अंबादास साहेबराव निकम ने अपने मवेशियों को 10,000 रुपये का बैंगन खिलाया, क्योंकि उसे अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा था.

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