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सोशल डिस्टैंसिंग के साथ जुलाई में आयोजित हो सकता है संसद का मानसून सत्र, ई-सेेशन का प्रस्ताव

संसद का मानसून सत्र इस बार जुलाई में आयोजित होगा, इसके लिए तैयारियों पर चर्चा शुरू हो गयी है. कोरोना काल में संसद का सत्र आयोजित करना भी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि सत्र के दौरान सांसदों को सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना होगा. इस विषय पर कल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति वेकैंया नायडू ने बातचीत की.

नयी दिल्ली : संसद का मानसून सत्र इस बार जुलाई में आयोजित होगा, इसके लिए तैयारियों पर चर्चा शुरू हो गयी है. कोरोना काल में संसद का सत्र आयोजित करना भी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि सत्र के दौरान सांसदों को सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना होगा. इस विषय पर कल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति वेकैंया नायडू ने बातचीत की.

सूत्रों के हवाले से ऐसी जानकारी मिल रही है कि इस बार संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा को राज्यसभा के लिए खाली कर दिया जायेगा, यानी राज्यसभा में लोकसभा की कार्यवाही होगी, वहीं लोकसभा का सत्र सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जायेगा. इस दौरान वर्चुअल सत्र पर भी चर्चा हुई, जिसमें सांसदों को आनलाइन संसद की कार्यवाही में भाग लेने की सुविधा प्रदान करने पर चर्चा हुई.

गौरतलब है कि कोरोना काल में सोशल डिस्टैंसिंग को मेंटेन करना बहुत चुनौतीपूर्ण है. यही कारण है कि कई देशों में संसद का वर्चुअल सेशन आयोजित किया जा रहा है. देश में लॉकडाउन 4 की समाप्ति के बाद अब अनलॉक 1 की शुरुआत हो चुकी है, जिसके जरिये देश में अब धीरे-धीरे सभी कामकाज शुरू किये जा रहे हैं.

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हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में कहा था कि दुकानें खुल रही हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि कोरोना का संकट खत्म हो गया है. हमें और भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. देश में अब तक एक लाख 98 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं, मृतकों की संख्या भी पांच हजार से अधिक हो चुकी है.

संसद के मानसून सत्र में इस बार कोरोना का मुद्दा ही सबसे बड़ा मुद्दा बनेगा. विपक्ष जहां एक ओर इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी, वहीं सरकार अपनी उपलब्धि गिनाने की कोशिश करेगी. कोरोना संक्रमण को रोकने में सरकार की नीतियां कितनी सफल रही और कितनी असफल वह इस बार के सत्र में चर्चा के केंद्र में होगी.

Posted By : Rajneesh Anand

Rajneesh Anand
Rajneesh Anand
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव. राजनीति,सामाजिक मुद्दे, इतिहास, खेल और महिला संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. IM4Change, झारखंड सरकार तथा सेव द चिल्ड्रन के फेलो के रूप में कार्य किया है. पत्रकारिता के प्रति जुनून है.

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