Himanta Biswa Sarma: असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने एक ऐतिहासिक और संवेदनशील फैसला लेते हुए बांग्लादेश सीमा से लगे संवेदनशील इलाकों में रहने वाले मूल निवासियों को हथियार लाइसेंस देने की योजना को मंजूरी दे दी है. राज्य सरकार का यह कदम इन क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अवैध खतरों से उन्हें आत्मरक्षा का अधिकार देने के उद्देश्य से लिया गया है.
मुख्यमंत्री हिमंता सरमा ने बताया कि यह योजना धुबरी, मोरीगांव, बारपेटा, नागांव, दक्षिण सलमारा-मनकचर, रूपाही, ढिंग और जानिया जैसे अल्पसंख्यक प्रभावित इलाकों में लागू की जाएगी साथ ही पूरे राज्य में भी आवेदन करने पर विचार किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पात्र स्थानीय नागरिकों को लाइसेंस देने में नरमी बरती जाएगी.
The #AssamCabinet has today taken a very important decision to protect the interests of our Jati, Mati, Bheti.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 28, 2025
Arms Licenses will be granted to Original Inhabitants and indigenous Indian people living in vulnerable areas to tackle unlawful threats from hostile quarters. pic.twitter.com/a29M67uekV
सीएम सरमा ने कहा कि हालिया बांग्लादेशी गतिविधियों और अवैध घुसपैठ के चलते मूल निवासियों में भय का माहौल है. ऐसे में ये कदम आत्मरक्षा की भावना और विश्वास को मजबूत करने वाला है. उन्होंने पिछली सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर पहले लाइसेंस दिए जाते तो कई लोगों को अपनी जमीनें छोड़नी नहीं पड़ती.
क्या है भारत का ARMS ACT 1959?
भारत में हथियार रखने के लिए “आर्म्स एक्ट 1959” लागू होता है, जिसके तहत हथियारों को दो वर्गों में बांटा गया है:
- Prohibited Bore (PB): केवल सेना और सुरक्षा बलों के लिए
- Non-Prohibited Bore (NPB): आम नागरिकों को लाइसेंस मिलने पर
हथियार के लाइसेंस के लिए आवश्यक शर्तें
- उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए
- कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए
- मानसिक और शारीरिक रूप से फिट होना जरूरी
- सार्वजनिक शांति भंग करने का कोई आरोप न हो