Five Year of Lockdown: देश को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज से ठीक पांच साल पहले 24 मार्च 2020 को रात 8 बजे लॉकडाउन का ऐलान किया था. उस वक्त कोरोना ने देशभर में अपने प्रकोप से ऐसी तबाही मचाई कि सभी गतिविधियाँ रुक गईं. रेल, हवाई जहाज, बसें, कारखाने, दुकानें, कंपनियाँ—लगभग सभी जरूरी सेवाओं को बंद करना पड़ा और लोग घरों में कैद हो गए थे. देश की गतिविधियाँ पूरी तरह से ठप हो गईं, और एक चलता फिरता, सुखी और प्रगति की ओर बढ़ता भारत कुछ दिनों में ही मानो रुक सा गया.
पहली बार 22 मार्च को लगा था जनता कर्फ्यू
22 मार्च 2020 को कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से अपील की थी कि वह एक दिन का जनता कर्फ्यू लगाए. इस कर्फ्यू का उद्देश्य वायरस की कड़ी को तोड़ना था. जनता ने प्रधानमंत्री की बात मानी और पूरे देश में बाजार, कंपनियाँ, दफ्तर, यातायात सभी बंद हो गए। सड़कें सुनसान हो गईं और सार्वजनिक जीवन लगभग ठप हो गया। यह एक संकेत था कि इस खतरनाक वायरस से जंग शुरू हो चुकी थी और सबको इसे हर हाल में मिलकर हराना था.
कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को आया था सामने
भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को सामने आया था. जब दक्षिण राज्य के केरल में चीन के वुहान प्रांत से लौटे एक व्यक्ति को कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद देश में कोरोना के मामले बढ़ते गए और धीरे-धीरे महामारी ने पूरे देश में फैलने की आशंका बढ़ा दी. मार्च 2020 तक संक्रमण तेजी से फैलने लगा, जिसके कारण प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन की घोषणा की ताकि संक्रमण की चेन को रोका जा सके.
कोरोना शूरवीरों ने संभाली थी कमान
कोरोना के दौरान भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर खूब चर्चा हुई. कई लोगों ने अनुमान लगाया कि भारत में कैसे कोरोना से निपटा जाएगा लेकिन जिस तरफ से लोगों को सुविधाएं दी गई और वैक्सीन लगाया गया इसकी सराहना who ने भी लोहा माना था.
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