Fatehpur Makbara Controversy : उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में कार्तिक पूर्णिमा के दिन एक विवादित मकबरे पर पूजा करने की कोशिश कर रही महिलाओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई. यह घटना आबूनगर इलाके में हुई. पुलिस ने इस मामले में 20 महिलाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, हालांकि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. क्षेत्र में तनाव को देखते हुए पुलिस ने अतिरिक्त सतर्कता बरती है और भारी बल तैनात किया गया है.
खुफिया टीम रख रही है नजर
एएसपी महेंद्र पाल सिंह ने बताया कि स्थानीय खुफिया इकाइयों को स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल हालात शांतिपूर्ण हैं और कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है. यह वही जगह है जहां 11 अगस्त को हिंदू संगठनों के सदस्यों ने पूजा की अनुमति मांगते हुए हंगामा किया था. उनका कहना था कि यह पुराना ढांचा ‘ठाकुरजी’ का मंदिर है, जिसमें ‘शिवलिंग’ मौजूद है.
सिंह ने बताया कि बुधवार शाम करीब छह बजे करीब 20 महिलाएं दीये और पूजा सामग्री लेकर मांगी समाधि स्थल के पास लगे अवरोधक तक पहुंचीं. अधिकारियों के अनुसार, मांगी समाधि स्थल को लेकर मामला अदालत में विचाराधीन है. इसी कारण पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए वहां प्रवेश रोकने हेतु अवरोधक लगाए थे.
महिलाओं ने सामने की गली से ही आरती और पूजा की
अधिकारियों ने बताया कि कुछ महिलाओं ने अवरोधक हटाने या उन पर चढ़ने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इस पर महिलाओं और थाना प्रभारी तारकेश्वर राय के बीच बहस हो गई. महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे दुर्व्यवहार किया और पूजा करने से रोका. विवादित स्थल तक न पहुंच पाने पर महिलाओं ने सामने की गली से ही आरती और पूजा की.
किन धाराओं में हुआ केस दर्ज
एसपी ने बताया कि कोतवाली थाने में बीएनएस की धारा 121(1) (लोक सेवक के काम में बाधा या हमला), 351(2) (आपराधिक धमकी) और 352 (गंभीर उकसावे के बिना बल प्रयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह प्राथमिकी महिला कांस्टेबल मंजू सिंह की शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसमें स्थानीय निवासी पप्पू सिंह चौहान की पत्नी सहित 20 अज्ञात महिलाओं को नामजद किया गया है.

