Earthquake in West Bengal: आज तड़के मंगलवार की सुबह पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. यह भूकंप सुबह करीब 6:10 बजे आया और इसकी तीव्रता 5.1 मापी गई.हालांकि, इस भूकंप से किसी भी प्रकार के नुकसान या हताहत की कोई खबर सामने नहीं आई है. बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र बगाल की खाड़ी में करीब 91 किलोमीटर की गहराई पर था.
इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 3.7 थी और इसका केंद्र सुंदरनगर इलाके के किरगी के पास 7 किलोमीटर गहराई पर था. हालांकि, यहां भी किसी प्रकार के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. मंडी जिला भूकंपीय क्षेत्र 5 में आता है, जो उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है.
कुछ दिनों पहले दिल्ली में आया था भूकंप
इसके अलावा, 17 फरवरी को दिल्ली और एनसीआर में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. इस भूकंप की तीव्रता 4.0 थी और इसके झटके दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, अलवर, मथुरा, और आगरा में भी महसूस किए गए थे.
दिल्ली सिस्मिक जोन IV में स्थित है, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में आता है, और एक्सपर्ट्स के अनुसार, हिमालय क्षेत्र में प्लेटों की गतिविधियों की वजह से भविष्य में भी भूकंप आने की संभावना बनी रहती है। इस घटनाओं ने लोगों में घबराहट पैदा की, लेकिन राहत की बात यह रही कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ.
भूकंप आने पर क्या करें
- इमारत से बाहर सुरक्षित दूरी पर जाएं – बिल्डिंग से बाहर जाने के बाद किसी खुले क्षेत्र में खड़े हों ताकि इमारत के गिरने से आपकी जान को कोई नुकसान न हो।
- लिफ्ट का इस्तेमाल न करें – ऊंची इमारतों में रहते हुए सीढ़ियों से नीचे जाना ही बेहतर होता है। लिफ्ट का इस्तेमाल भूलकर भी न करें, क्योंकि भूकंप के दौरान पावर कट हो सकता है और आप लिफ्ट में फंस सकते हैं।
- खतरनाक चीजों से दूर रहें – बिल्डिंग के नीचे, बिजली के खंभे, पेड़, तार, फ्लाईओवर, पुल या भारी वाहनों के पास न खड़े हों
- मलबे में दबे हैं तो ध्यान रखें – अगर भूकंप के कारण आप या आपका परिवार कोई सदस्य मलबे में दब गया है, तो हिलें-डुलें नहीं और बाहर आने की कोशिश न करें. मलबे में फंसे व्यक्ति को ढूंढने के लिए पेशेवर मदद लें
- आपदा राहत किट तैयार रखें– हमेशा घर में आपदा राहत किट तैयार रखें, जिसमें पानी, प्राथमिक चिकित्सा सामग्री, टॉर्च, और अन्य जरूरी चीजें होनी चाहिए
- बिजली, गैस और लाइट बंद कर दें – भूकंप के बाद घर के सभी बिजली स्विच, गैस और लाइट बंद कर दें, क्योंकि यह दुर्घटना का कारण बन सकते हैं