Congress: कांग्रेस कार्यसमिति की शनिवार को बैठक में विभिन्न राज्यों में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), मनरेगा को खत्म कर जी राम जी कानून बनाने और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले पर विचार-विमर्श किया गया. कांग्रेस की शीर्ष निर्णय लेने वाली कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के अलावा अन्य नेता मौजूद रहे. बैठक में तय किया गया कि पार्टी 5 जनवरी से मनरेगा बचाओ का देशव्यापी अभियान शुरू करेगी.
मनरेगा की जगह केंद्र सरकार ने शीत सत्र में नया कानून जी राम जी विधेयक को पारित किया. विपक्षी दलों की ओर से इस विधेयक का जोरदार विरोध किया गया, लेकिन अब यह कानून बन चुका है. कार्यसमिति की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश के लोग मनरेगा समाप्त किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर आक्रोश में हैं. सरकार को इस फैसले की कीमत चुकानी होगी. उन्होंने कहा कि नया विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण(जी राम जी) कानून बिना पर्याप्त संवाद के बनाया गया है. नये कानून के कारण राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा.
सोची-समझी साजिश के तहत किया जा रहा है एसआईआर
खरगे ने कहा कि मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण एक साजिश के तहत किया जा रहा है. यह प्रक्रिया लोगों को लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित करने की कोशिश है. कांग्रेस एसआईआर के खिलाफ मुखर आवाज उठाती रहेगी. राहुल गांधी लगातार वोट चोरी के सबूत देश के सामने पेश कर रहे हैं. वोट चोरी से ध्यान हटाने के लिए एसआईआर किया जा रहा है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस मनरेगा को खत्म करने के खिलाफ सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर आंदोलन चलाने का काम करेगी.
प्रधानमंत्री ने कैबिनेट को भरोसा में लिए बिना एकतरफा फैसला लेते हुए मनरेगा को खत्म करने का काम किया. यूपीए सरकार के दौरान मनरेगा कानून की दुनिया के कई देशों ने सराहना की है. इस कानून का खात्मा लोगों के अधिकार पर हमला है. गौरतलब है कि सरकार का कहना है कि मनरेगा के मुकाबले जी राम जी कानून के तहत लोगों को 125 दिन के रोजगार की गारंटी दी गयी है. यह कानून भ्रष्टाचार को रोकने के साथ ग्रामीण स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में अहम योगदान देगा.

