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देश के दुश्मनों की खैर नहीं, 307 ATAGS तोप खरीदने की तैयारी! जानिए क्या है खासियत

एडवांस टॉड गन सिस्टम (ATAGS) को डीआरडीओ ने टाटा और भारत फोर्ज कंपनियों के साथ मिलकर बनाया है. 155/52 कैलिबर की इस एटीएजीएस तोप की रेंज करीब 48 किलोमीटर है. इन तोपों को किसी भी स्थान पर ले जाकर तैनात किया जा सकता है.

चीन और पाकिस्तान अगर भारत की तरफ नजरे टेढ़ी करेगा तो उसकी खैर नहीं. जमीनी लड़ाई में भी भारत दोनों के होश फाख्ता कर सकता है. रक्षा क्षेत्र में भारत मेक इन इंडिया की तर्ज पर देश लगातार मजबूत हो रहा है. अब जल्द ही इस दिशा में एक और उपलब्धि हासिल हो सकती है.

खरीद का मिला प्रस्ताव: न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय को भारतीय सेना की ओर से 307 एडवांस्ड टोएड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) खरीदने का प्रस्ताव मिला है. एक बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है. रक्षा अधिकारियों का कहना है कि इसकी मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

लाल किले पर पहली बार हुआ था इस्तेमाल: स्वतंत्रता दिवस समारोह में पारंपरिक 21 तोपों की सलामी के दौरान पहली बार पूरी तरह स्वदेशी होवित्जर तोप का इस्तेमाल किया गया था. इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की ओर से ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनाया गया है. इसे एडवांस्ड टॉड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) के तहत विकसित किया गया है. यह तोप कितना घातक है और चीन पाकिस्तान के दांत खट्टे करने में कितना सक्षम है यहां देखते हैं.

एडवांस टॉड गन सिस्टम (ATAGS) को डीआरडीओ ने टाटा और भारत फोर्ज कंपनियों के साथ मिलकर बनाया है. 155/52 कैलिबर की इस एटीएजीएस तोप की रेंज करीब 48 किलोमीटर है. इन तोपों को किसी भी स्थान पर ले जाकर तैनात किया जा सकता है. हर मौसम और सभी परिस्थित में ये तोप दुश्मनों को तेस्तानाबूत कर सकते हैं. इसे ऐसा बनाया गया है कि इसे कहीं भी ले जाने में परेशानी नहीं होती.

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गौरतलब है कि बीते समय से चीन की घुसपैठ लगातार भारतीय सीमा में बढ़ी है. ड्रैगन हमेशा से विस्तारवादी नीति को प्रशय देता है. ऐसे में भारत के साथ उसकी तकरार भी होती है. कई बार तो दोनों देशों की सेना में खूनी जंग भी हुई है. ऐसे में भारत जमीन से लेकर आसमान तक अपनी सुरक्षा चाक चौबंद कर रहा है. ताकी भविष्य में ड्रैगन समेत किसी भी दुश्मन का भारतीय सेना मुंह तोड़ जवाब दे सके.

Pritish Sahay
Pritish Sahay
12 वर्षों से टीवी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में सेवाएं दे रहा हूं. रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से पढ़ाई की है. राजनीतिक, अंतरराष्ट्रीय विषयों के साथ-साथ विज्ञान और ब्रह्मांड विषयों पर रुचि है. बीते छह वर्षों से प्रभात खबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने के बाद डिजिटल जर्नलिज्म का अनुभव काफी अच्छा रहा है.

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