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भारत की सैन्य तैयारी सर्वश्रेष्ठ प्रतिरोधक है, शांति की गारंटी देगा : अरुण जेटली

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि भारत की सैन्य तैयारी सर्वश्रेष्ठ प्रतिरोधक है, जो क्षेत्र में शांति की गारंटी देगा और यह भू-राजनीतिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अवश्य ही महत्वपूर्ण रूप से रक्षा उत्पादन को बढ़ायेगा. उन्होंने कहा कि सैन्य साजो सामान और हथियार प्रणाली विकसित करने […]

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि भारत की सैन्य तैयारी सर्वश्रेष्ठ प्रतिरोधक है, जो क्षेत्र में शांति की गारंटी देगा और यह भू-राजनीतिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अवश्य ही महत्वपूर्ण रूप से रक्षा उत्पादन को बढ़ायेगा. उन्होंने कहा कि सैन्य साजो सामान और हथियार प्रणाली विकसित करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उद्यम और निजी क्षेत्र के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी.

उन्होंने जोर दिया कि भारत को आयात पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं रहना चाहिए. जेटली ने पाकिस्तान का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि सुरक्षा जरुरतें इस बात से निर्देशित होती हैं कि भारत के पड़ोसी देश किस तरह के हैं. उन्होंने कहा कि बिल्कुल भू-राजनीतिक नजरिए से (जहां हम भोगौलिक रूप से स्थित हैं) बनने वाली अनोखी स्थिति के मद्देनजर हमारी तैयारी सर्वश्रेष्ठ प्रतिरोधक है और जहां तक हमारे क्षेत्र की बात है यह निश्चित तौर पर शांति की गारंटी देता है.

उन्होंने एक कार्यक्रम में यह बात कही, जहां कुछ रक्षा पीएसयू को वर्ष 2014-15 और 2015-16 में उनके प्रदर्शन को लेकर रक्षा मंत्री का पुरस्कार दिया गया. जेटली कहा कि कोई भी देश बाहर से उपकरणों की खरीद और आयात की बदौलत अनिश्चित काल तक युद्ध नहीं जीत सकता और लड़ाई नहीं लड़ सकता. यदि यह इस पर निर्भर रहा, तो इसकी रक्षा तैयारियां अधूरी रहेंगी.

रक्षा मंत्री ने रक्षा उत्पादन के लिए विदेशी कंपनियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की अग्रणी घरेलू कंपनियों को शामिल करने के लिए रणनीतिक साझेदारी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह देश में रक्षा विनिर्माण को प्रोत्साहित करेगा. रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत सरकार की योजना विदेशी कंपनियों की साझेदारी के साथ भारत में चुनिंदा निजी कंपनियों को पनडुब्बी और लड़ाकू विमान जैसे सैन्य साजो सामान के काम में लगाना है. इसका लक्ष्य बड़ी भारतीय निजी कंपनियों और सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्षेत्र की सहभागिता से देश में एक जीवंत रक्षा विनिर्माण माहौल बनाने का है.

जेटली ने कहा कि ऐसी कोई वजह नहीं है कि हम रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक ताकत नहीं बन सकते. उन्होंने अर्थव्यवस्था के बारे में कहा कि पिछले तीन साल में इसने प्रभावशाली वृद्धि की है. वित्त मंत्री ने कहा कि देश की आजादी के बाद सात दशक पूरे हो गये हैं, ऐसे में हमने लगातार तीन साल में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थवस्थाओं में उत्कृष्ट स्थान हासिल किया है. हम एक विकासशील अर्थव्यवस्था से एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखते हैं. उन्होंने कहा कि भारत को व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए अवश्य ही अपने विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ाना चाहिए.

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