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सरकार ने कहा, रैनसमवेयर साइबर हमले का भारत पर गंभीर असर नहीं, गृहमंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी, देशभर के कई एटीएम बंद

नयी दिल्ली : सरकार ने सोमवार को कहा कि दुनिया के कई देशों को प्रभावित करनेवाले साइबर हमले ‘रैनसमवेयर’ का भारत पर कोई गंभीर असर नहीं हुआ है, हालांकि केरल व आंध्र प्रदेश में इसके कुछ छिटपुट मामले सामने आये हैं. आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) द्वारा चालित सभी […]

नयी दिल्ली : सरकार ने सोमवार को कहा कि दुनिया के कई देशों को प्रभावित करनेवाले साइबर हमले ‘रैनसमवेयर’ का भारत पर कोई गंभीर असर नहीं हुआ है, हालांकि केरल व आंध्र प्रदेश में इसके कुछ छिटपुट मामले सामने आये हैं. आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) द्वारा चालित सभी प्रणालियां सुरक्षित हैं और सुचारू रूप से काम कर रही हैं. प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा,‘ रैनसमवेयर ‘वानाक्राई’ के संभावित साइबर हमले के मद्देनजर भारत काफी सतर्क है और बैंकिंग, दूरसंचार, बिजली व विमानन सहित सभी प्रमुख नेटवर्क पर निगरानी रखी जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर देशभर में कई एटीएम को बंद करने का फैसला लिया है. भारत सरकार ने एहतियातन यह फैसला लिया है.

वहीं, आरबीआइ ने बैंकों को रैनसमवेयर वन्नाक्राई के हमले से बचने के लिए सरकारी संगठन सीइआरटी-इन के निर्देशों का पालन करने को कहा है. इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पोंस टीम (सीइआरटी-इन) ने इससे पहले कहा कि उसे देश के किसी विशेष नेटवर्क पर साइबर हमले की कोई औपचारिक रपट नहीं मिली है. सीइआरटी-इन ने क्या करें और क्या न करें की सूची जारी की है. उसने इस संबंध में कहा, वेबकास्ट (इंटरनेट) पर संदेश जारी किया कि फिरौती की मांग के साथ किये जा रहे इस कंप्यूटर वायरस हमले से अपने कंप्यूटर नेटवर्क को कैसे बचाया जा सकता है. वानाक्राई ने रूस व ब्रिटेन सहित 150 से अधिक देशों के कंप्यूटर नेटवर्क को प्रभावित किया है. इसे अब तक का सबसे बड़ा साइबर हमला बताया जा रहा है.

इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने बैंकों को जारी परामर्श में कहा है कि ऐसी खबर है कि ‘वन्नाक्राई’ नाम का नया कंप्यूटर वायरस तेजी से फैल रहा है. यह संक्रमित विंडोस प्रणाली पर फाइलें इक्रिप्ट कर प्रणाली की कमजोरी का फायदा उठा कर संबंधित नेटवर्क में फैल जाता है. उसने सभी बैंकों को अपने सिस्टम को रैनसमवेयर वन्नाक्राई से बचाने के लिए एटीएमों में सॉफ्टवेयर को अपडेट करने को कहा है, क्योंकि इस वायरस ने दुनियाभर में भुगतान प्रणाली को अपनी चपेट में लिया है.

पिछले साल एक अन्य वायरस हमले की चपेट में देश में 3.2 लाख डेबिट कार्ड आये थे. पिछले साल मई, जून और जुलाई में हिताची की एटीएम मशीनों में विनिमय करनेवाले उपयोगकर्ताओं के आंकड़ों में छेड़छाड़ हुई थी. खबरों के अनुसार, ऑटोमेटेड टेलर मशीनों (एटीएम) के ऐसे वायरस हमलों की चपेट में आने की आशंका अधिक है, क्योंकि वे माइक्रोसोफ्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के पुराने संस्करण पर चलते हैं, ऐसे में सुरक्षा उपाय अपडेट करने की जरूरत है.

सीइआरटी-इन ने कहा कि उसे भारत के महत्वपूर्ण कंप्यूटर नेटवर्कों पर रैंसमवेयर ‘वानाक्राई’ के साइबर हमलों की कोई औपचारिक रिपोर्ट नहीं मिली है. ‘वानाक्राई’ कंप्यूटर को बुरी तरह से प्रभावित करता है और उस पर फाइलों तक पहुंचने के रास्ते को लॉक कर देता है. साइबर अपराधियों ने इसे खोलने (अनलॉक करने) के लिए 300 डॉलर ‘बिटक्वाइन’ (क्रिप्टो करेंसी) की मांग की है. हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि मांग की रकम अदा करने पर पहुंच बहाल हो जाती है या नहीं होती है. सीइआरटी-इन के महानिदेशक संजय बहल ने बताया, ‘अब तक, हर चीज सामान्य दिख रही है. सीइआरटी-इन के पास कोई रिपोर्ट नहीं आयी है. हम माइक्रोसॉफ्ट और अन्य के संपर्क में हैं. यहां तक कि उन्हें कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.’ उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा के बारे में सूचना पर सरकार के पोर्टल को शनिवार से नियमित आधार पर अपडेट किया जा रहा.

वहीं, माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी ढांचा मुहैया करानेवाली इकाई जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) पर वानाक्राई रैंसमवेयर हमले का असर नहीं होगा क्योंकि यह पूरी प्रणाली माइक्रोसॉफ्ट के सॉफ्टवेयर पर नहीं चलती है. कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा कि नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत जीएसटीएन से हर महीनेतीन अरब रसीदें प्रिंट होगी और मंगलवार को इसके सॉफ्टवेयर का प्रारंभिक परीक्षण पूरा हो जायेगा.

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