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जानिये, लंदन में कैसे गिरफ्तार हुए माल्या, भारत लाने के लिए लड़नी होगी लंबी लड़ाई…

नयी दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार के माद्दा से भारत से भागकर जनता के पैसे से ब्रिटेन में छुपकर ऐशो-आराम की जिंदगी बसर करने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या की मंगलवार को गिरफ्तार कर काबू में तो कर लिया गया है, लेकिन उन्हें भारत लाना आसान नहीं होगा. माल्या की गिरफ्तारी के बाद जमानत […]

नयी दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार के माद्दा से भारत से भागकर जनता के पैसे से ब्रिटेन में छुपकर ऐशो-आराम की जिंदगी बसर करने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या की मंगलवार को गिरफ्तार कर काबू में तो कर लिया गया है, लेकिन उन्हें भारत लाना आसान नहीं होगा. माल्या की गिरफ्तारी के बाद जमानत और फिर ब्रिटेन में कानूनी प्रक्रिया शुरू करने के बारे में कानून के जानकारों का मानना है कि कर्ज की अदायगी नहीं करने वाले विवादित कारोबारी विजय माल्या का प्रत्यर्पण आसान नहीं रहने वाला है.

वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी और दुष्यंत दवे का विचार है कि ब्रिटेन में अदालतें बहुत स्वतंत्र हैं और प्रत्यर्पण को आसानी से स्वीकृति नही देतीं. तुलसी ने कहा कि भारत सरकार ने माल्या के खिलाफ सबूत भेज दिये हैं और अदालतें स्वतंत्र ष्प से इसका आकलन करेंगी कि क्या ये सबूत माल्या को वापस भेजे जाने की इजाजत देने के लिए पर्याप्त हैं. उन्होंने कहा कि जब प्रत्यपर्ण का आग्रह होता है, तो आमतौर पर जमानत 60 दिनों के बाद मिलती है, लेकिन माल्या को गिरफ्तारी वाले दिन ही जमानत मिल गयी. दवे ने कहा कि वहां अदालतें स्वतंत्र हैं और प्रत्यर्पण की इजाजत आसानी से नहीं देती हैं.

माल्या की गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू

देश के बैंकों का कर्ज डकारने के मामले में भारत में वांछित विजय माल्या की लंदन में गिरफ्तारी और कुछ देर बाद जमानत मिलने के बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गये. सरकार और भाजपा के स्तर पर जहां श्रेय लेने की बात दिखी, तो दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा. गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने कहा कि सार्वजनिक संसाधनों की हेरा-फेरी करने वाले आरोपियों के खिलाफ यह मोदी सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाता है. कांग्रेस ने कहा कि यह देश के लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश है.

लूटे हुए गरीबों के पैसों को हर हाल में लौटाना होगा : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि निश्चित तौर पर भारत में भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है. गरीबों और मध्य वर्ग को लूटने वालों को वो लौटाना पड़ेगा, जो उन्होंने लूटा है. वह एक फॉलोवर के ट्वीट का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने लिखा था कि भ्रष्टाचार न सिर्फ मेहनत से अर्जित हमारे पैसे छीन लेता है, बल्कि हमारी गरिमा भी ले लेता है.

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वहीं, वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि अब हम तथ्यों का आकलन कर रहे हैं कि हम उसे देश कैसे ला सकते हैं और उसके खिलाफ न्यायिक कार्यवाही कैसे शुरू कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार वित्तीय अनियमितताओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को न्याय के कठघरे में लाने में कोई कोर कसर नहीं छोडेगी.

भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि यह सरकार के अथक प्रयास और कालाधन जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जायेगा. उन्होंने कहा कि शराब कारोबारी पर मुकदमा चलाने के लिए हर स्तर पर कार्य किया गया.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्रिटिश समकक्ष के साथ इस विषय को उठाया था. कोहली ने कहा कि मोदी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में कालाधन पर विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन की पहल की और अब माल्या के प्रत्यर्पण की पहल की जा रही है. इस तरह से सरकार ने हर स्तर पर कार्य किया है. उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को बिना भय एवं पक्षपात के काम करने की स्वतंत्रता दी गयी है.

देश के लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं मोदी : कांग्रेस

वहीं, भाजपा नेताओं की वाहवाही के बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंदन में शराब कारोबारी विजय माल्या की गिरफ्तारी के मुद्दे पर भारत के लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं. पार्टी ने मोदी से कहा कि वह माल्या को हिरासत में लेने और उनसे कर्ज वसूल करने की समयसीमा तय करे.

पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अजीब बात है कि उन्हें हिरासत में लिया गया और तुरंत छोड़ भी दिया गया. यह कैसा प्रत्यर्पण है ? उन्हें एक घंटे तक हिरासत में रखा जाता है और सम्मान के साथ जमानत दे दी जाती है और वह ढीठ बर्ताव कर ही रहा है. सुरजेवाला ने कहा कि माल्या को वापस लाने और उससे 9,091 करोड़ रुपये जनता का धन वसूलने में क्या एक दर्जन साल, 15 साल, 30 साल लगेंगे या हमारा जीवन ही बीत जायेगा ? भारत के लोगों की आंखों में धूल झोंकने की बजाय यह ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब भाजपा और मोदी जी को देना होगा. उन्होंने सवाल किया कि प्रत्यर्पण अनुरोध करने में भाजपा सरकार को तीन साल (नौ फरवरी, 2017) क्यों लग गये.

मोदी सरकार ने दिखाया माल्या को काबू में करने दिखायी इच्छाशक्ति

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने विवादास्पद उद्योगपति विजय माल्या की लंदन में गिरफ्तारी का श्रेय भाजपा शासित राजग सरकार के लगातार प्रयासों को दिया. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें इसके बारे में कुछ भी नहीं कर सकीं. यह निश्चित तौर पर इस सरकार की सफलता है, विशेष तौर पर वित्त मंत्रालय की जिसके प्रयासों के चलते उसकी (माल्या) गिरफ्तारी हुई. इससे पहले भाजपा ने कहा कि कर्ज नहीं चुकाने के मामले में वांछित माल्या की ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा गिरफ्तारी से सार्वजनिक संसाधनों की धोखाधड़ी के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मोदी सरकार की इच्छा रेखांकित होती है.

माल्या और अन्य के खिलाफ मुंबई में आरोप पत्र दाखिल करेगा ईडी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आईडीबीआई का नहीं चुकाने के मामले में विजय माल्या और अन्य के खिलाफ पहला आरोपपत्र दायर करने वाला है. अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी कुछ समय से आरोपपत्र तैयार करने में जुटी है और अगले कुछ दिनों में मुंबई की एक अदालत में इसे दायर किया जायेगा. आरोप पत्र काफी बड़ा होने वाला है, जिसमें कई अधिकारियों के बयान होंगे और किंगफिशर एयरलाइन तथा आईडीबीआई बैंक के आरोपियों की संपत्ति और लेन-देन का ब्योरा शामिल होगा.

ब्रिटेन की अदालत में प्रत्यर्पण के लिए मजबूती से पक्ष रखेगा भारत

कर्मचारियों के वेतन और भारतीय बैंकों का कर्ज का भुगतान नहीं करने वाले मंगलवार को गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा होने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन की अदालत में भारत की ओर से मजबूत पक्ष रखा जायेगा. इस मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सरकार इस मिथक को तोड़ना चाहती है कि देश से बाहर जाने के बाद कानून को अपने हाथ में लेने वाले हमारी पहुंच से बाहर हो जाते हैं.

सूत्रों का कहना है कि जनता के पैसे से फिजूलखर्ची करने वाले, कर्मचारियों और बैंकों के कर्ज का भुगतान नहीं करने वाले विजय माल्या इस समय लंदन में ऐशो-आराम की जिंदगी बसर कर रहे हैं. उन्होंने भारतीय कानून व्यवस्था को ताख पर रखकर लोगों का पैसा डकारने का काम किया है. उनका कहना है कि इस भारत के लोग विजय माल्या को जेल में देखना चाहते हैं. सूत्र का कहना है कि यह गिरफ्तारी आईडीबीआई बैंक का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में हुआ है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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