नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नामों पर चल रही रस्साकशी के बीच अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को लेकर भी देश की राजनीति में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. राजनीति के बाजार और मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, भाजपा में इस समय उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और संघ से ताल्लुक रखने वाले तेज-तर्रार नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रकाश पंत, धन सिंह रावत और सतपाल महाराज के नामों की चर्चा जोरों पर है. इस बीच खबर यह भी आ रही है कि शुक्रवार यानी 17 मार्च को मुख्यमंत्री के नाम पर आम सहमति बनाने के लिए अभी हाल ही में आये नतीजों के बाद निर्वाचित नये विधायकों की बैठक होने की संभावना है.
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, त्रिवेंद्र सिंह रावत और प्रकाश पंत को 2012 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद उनके क्षेत्रों में हुए उपचुनाव में भी उन्हें जीत हासिल नहीं हुई थी. पंत सितारगंज उपचुनाव मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से हार गये थे और त्रिवेंद्र सिंह 2014 में डोईवाला सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाये थे. हालांकि, सिंह को पार्टी संगठन में हमेशा महत्व दिया गया और उन्हें झारखंड इकाई में भाजपा का प्रभारी बनाया गया था. मंगलवार को सिंह ने देहरादून में भाजपा कार्यायल में उपस्थित रहे और मुख्यमंत्री के नाम पर वे कुछ भी बोलने से बचते रहे.
हालांकि, भाजपा के सूत्रों का कहना कि अगर भाजपा नेतृत्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाता है, तो त्रिवेंद्र सिंह अपने आप ही उत्तराखंड में मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर हो जायेंगे. इसका कारण यह बताया जा रहा है कि भाजपा उत्तर प्रदेशऔर उत्तराखंड में दो अगड़ी जाति के चेहरों को मुख्यमंत्री बनाकर देश की राजनीति में सामाजिक समीकरणों को बिगाड़ नहीं सकती. उसका कहना है कि भाजपा के स्थानीय नेता धन सिंह रावत में भी मुख्यमंत्री के तौर पर देखा जा रहा है. रावत ने श्रीनगर सीट से जीत हासिल की है. हालांकि, वह 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी भाग्य आजमा चुके हैं.
वहीं फिलवक्त, भाजपा की उत्तराखंड इकाई के पास चार पूर्व मुख्यमंत्री के रूप भुवनचंद खंडूरी, रमेश पोखरियाल निशंक, भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा भी हैं. इसके अलावा, इन चार लोगों से इतर पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल महाराज को मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदारों में शामिल किया जा रहा है. सतपाल महाराज 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं. उन्होंने चौबट्टखा सीट से जीत हासिल की है.