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चौथी बार गोवा के सीएम बने मनोहर पर्रिकर के बारे में जानें मुख्य बातें

पणजी : गोवा में भाजपा का चेहरा रहे मनोहर पर्रिकर एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बने और यह उनके लिए अपने ‘‘घर लौटने के समान’ है.विधानसभा चुनाव में भाजपा साधारण बहुमत हासिल करने में नाकाम रही. लेकिन भाजपा दो क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करने और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन जुटाने में कामयाब […]

पणजी : गोवा में भाजपा का चेहरा रहे मनोहर पर्रिकर एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बने और यह उनके लिए अपने ‘‘घर लौटने के समान’ है.विधानसभा चुनाव में भाजपा साधारण बहुमत हासिल करने में नाकाम रही. लेकिन भाजपा दो क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करने और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन जुटाने में कामयाब रही.

विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने ऐसे संकेत दिए थे कि अगर वह विजयी होती है तो पर्रिकर सरकार का नेतृत्व करेंगे.उनकी छवि देश के रक्षा मंत्री का पद संभालने के बाद भी सादगीपूर्ण व्यक्ति की रही है. ऐसी छवि के बीच 61 वर्षीय पर्रिकर ने राज्य में भाजपा के चुनाव अभियान का नेतृत्व किया. हालांकि पार्टी बहुमत का आंकडा हासिल करने में नाकाम रही.

आईआईटी बंबई से इंजीनियरिंग की शिक्षा हासिल करने वाले पर्रिकर ने चुनाव के बाद अपने राजनीतिक कौशल का परिचय देते हुए सबसे बडी पार्टी के रुप में उभरी कांग्रेस को पीछे छोड दिया तथा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी तथा गोवा फारवर्ड पार्टी के साथ गठबंधन बना लिया. उत्तरी गोवा के मापुसा में एक मध्यम वर्गीय कारोबारी परिवार में पैदा हुए मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रिकर आरएसएस शाखाओं से भाजपा में शामिल हुए.वह स्कूली दिनों में ही आरएसएस से जुड गए और उन्होंने हमेशा कहा कि संगठन से मिली विचारधारा तथा प्रशिक्षण से उन्हें सार्वजनिक जीवन में काफी मदद मिली, खासकर निर्णय लेने की स्थिति में.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2014 में उन्हें रक्षा मंत्री नियुक्त किया था. प्रधानमंत्री उनके कठोर श्रम और प्रतिबद्धता की अक्सर प्रशंसा करते रहे हैं, विशेषकर पिछले साल हुए लक्षित हमले के संदर्भ में. पर्रिकर पहली बार 1994 में विधानसभा के लिए चुने गए थे. वह जून से नवंबर 1999 के बीच विपक्ष के नेता रहे.

पर्रिकर राजनीतिक अस्थिरता के लिए मशहूर राज्य गोवा में 24 अक्तूबर 2000 को पहली बार मुख्यमंत्री बने. उनका यह कार्यकाल 27 फरवरी 2002 तक रहा. इसके बाद वह पांच जून 2002 से 29 जनवरी 2005 तक इस पद पर रहे.साल 2012 में उनके नेतृत्व में भाजपा विजयी रही और वह तीसरी बार मुख्यमंत्री बने. यह कार्यकाल नवंबर 2014 तक चला, जब उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया.

पर्रिकर की भाजपा और अन्य विभिन्न तबकों में स्वीकार्यता है और उन्होंने राज्य में भाजपा को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभायी है. इसके पहले गोवा को कांग्रेस का गढ माना जाता था जहां कई क्षेत्रीय दलों का अलग अलग हिस्से में प्रभाव था.पर्रिकर की पत्नी का 2001 में निधन हो गया था. उनके दो पुत्रउत्पल और अभिजीत हैं.

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