नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस सप्ताह पंजाब में आम आदमी पार्टी का ‘दलित घोषणापत्र’ जारी करेंगे. पंजाब में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं और राज्य की 32 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जाति के लोगों की है. केजरीवाल एक समूह विशेष को लक्षित करते हुए और उसके ‘‘व्यवस्थागत उत्पीडन” को विस्तार से बताते हुए अपनी तरह का पहला दस्तावेज जारी करेंगे. इसे वह राज्य की 10 दिवसीय यात्रा के दौरान जारी करेंगे. उनकी यह यात्रा आज से शुरू हुई है.
यह घोषणापत्र पार्टी द्वारा पूरे पंजाब में आयोजित कराए गए ‘दलित संवाद’ की श्रृंखलाओं का परिणाम है. इन संवादों की शुरुआत अगस्त में हुई. आप के राष्ट्रीय संगठन निर्माण के अध्यक्ष दुर्गेश पाठक ने कहा, ‘‘राज्य में दलित-बहुल इलाकों में 10-12 संवाद आयोजित किए गए. समुदाय के सदस्यों ने आगे आकर अपने विचारों को उन्मुक्तता के साथ रखा और दस्तावेज में शामिल करने के लिए सुझाव भी दिए.” पाठक ने कहा कि यह घोषणापत्र केजरीवाल की यात्रा का प्रमुख बिंदु होगा। इस दौरान वह 21 रैलियों को संबोधित करेंगे.
पाठक ने कहा कि खुले सत्रों के दौरान दलित समुदाय के सदस्यों को एक फॉर्म भी दिया गया था, जिसमें वे अपनी प्रतिक्रिया और सिफारिशें लिख सकते थे. घोषणापत्र बनाते हुए इनका ध्यान रखा गया. आप प्रमुख की रैलियों में नोटबंदी का मुद्दा भी प्रमुख रह सकता है. अगले साल पंजाब में होने जा रहे चुनावों में आम आदमी पार्टी का मुकाबला कांग्रेस और सत्ताधारी भाजपा-शिअद गठबंधन से है. पार्टी ने गुजरात के उना में कथित गोरक्षकों द्वारा कुछ युवकों पर हमला किए जाने के मुद्दे को उठाते हुए भाजपा को ‘दलित-विरोधी’ बताया था. केजरीवाल हाल के महीनों में कई बार गुजरात जा चुके हैं. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, पंजाब में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 88 लाख है. यह राज्य की कुल जनसंख्या का 32 प्रतिशत है और अन्य सभी राज्यों की तुलना में यह प्रतिशत सबसे ज्यादा है.