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नोटबंदी: आज से बार-बार नोट बदलनेवालों की खैर नहीं…

नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद आम लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अप्रचलित नोटों को बदलवानेवालों की अंगुली (दायें हाथ) पर आज से अमिट स्याही लगाने और जन धन खातों में संदिग्ध जमाओं की निगरानी करने का फैसला किया है. सरकार ने यह कदम नोटों की अदला बदली करवाने में […]

नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद आम लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अप्रचलित नोटों को बदलवानेवालों की अंगुली (दायें हाथ) पर आज से अमिट स्याही लगाने और जन धन खातों में संदिग्ध जमाओं की निगरानी करने का फैसला किया है. सरकार ने यह कदम नोटों की अदला बदली करवाने में कई गिरोहों के सक्रिय होने की रपटों के बाद उठाया है. ऐसी रपटें हैं कि ऐसे गिरोह के सदस्य बार बार कतारों में लगकर नोट बदलवा रहे हैं. इससे वास्तविक जरूरतमंदों को परेशानी हो रही है और वे नोट नहीं बदलवा पा रहे.

आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने संवाददाताओं को बताया कि नोटिस में आया है कि अनेक जगह वही लोग बार-बार नोट बदलवाने आ रहे है और इस तरह की भी रपटें हैं कि कुछ असामाजिक तत्व भोले भाले लोगों को फांस कर अपने कालेधन को वैध बनाने की कोशिश कर रहे हैं. ये तत्व ऐसे लोगों को कभी इस बैंक तो कभी उस बैंक में नोट बदलवाने के लिए भेजते हैं.

दास ने कहा कि इस कारण जहां बैंकों में भीड़ है और नकदी निकासी का फायदा कुछ ही लोगों को मिल रहा है. इस तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए बैंक नकदी लेने वाले के हाथ पर जल्दी नहीं मिटने वाली स्याही लगायेंगे. इससे लोग बार बार नोट बदलवाने आने से बचेंगे और नोट बदलवाने वाले गिरोहों पर भी लगाम लगायी जा सकेगी. अमिट स्याही के बारे में दास ने कहा कि इस बारे में इस्तेमाल संबंधी दिशा निर्देश बैंक तैयार करेंगे.

इसके साथ ही जाली मुद्रा प्रचलन में लाने पर रोक आदि के लिए एक कार्यबल गठित किया गया है. यह कार्यबल यह सुनिश्चित करेगा कि प्रणाली में कालाधन नहीं आ पाये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार की देर रात एक बार फिर हालात की समीक्षा की. सरकार ने कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की है, जो जरूरी सामान की आपूर्ति पर निगाह रखेगी. नोटों की कमी के चलते कारोबार पर असर पड़ा है. इस बीच, वित्त मंत्रालय ने बैंकों से कहा कि भीड़ की समस्या से निपटने के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों की नियुक्ति पर विचार करें. पाली के आधार पर ड्यूटी की योजना पर काम करने का सुझाव भी सुझाव दिया.

इधर, गृह मंत्रालय ने नोटबंदी के फैसले के मद्देनजर देश में मौजूदा हालात की समीक्षा की और कुछ स्थानों पर तनाव की स्थिति पैदा होने का आकलन किया. गृह मंत्रालय के तीन शीर्ष अधिकारी सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के साथ संपर्क में हैं और उनसे फीडबैक ले रहे हैं. सभी राज्यों के पुलिस महकमे के मुखिया को अपने अपने राज्यों में हालात पर करीब से नजर रखने को और कहीं भी किसी तरह की समस्या की स्थिति में केंद्र सरकार को सूचित करने को कहा गया है.

टोल राशि के नुकसान की भरपाई करेगा एनएचएआइ
सरकार द्वारा 18 नवंबर तक टोल नाकों पर टोल संग्रहण बंद करने के फैसले के मद्देनजर एनएचएआइ के चेयरमैन राघव चंद्रा ने इससे संबद्ध परिचालक कंपनी को हुए 75 प्रतिशत नुकसान की भरपाई का प्रस्ताव किया है.
जनधन खातों पर पैनी नजर
सरकार की जनधन खातों में जमाओं पर भी करीबी निगाह है. अनेक मामलों में इस तरह के खातों का इस्तेमाल कालाधन जमा कराने के लिए किया गया है.जनधन खाताधारकों से अपील की है कि वे सावधान रहे और अपने बैंक खातों का दुरुपयोग नहीं होने दें.
पांच हजार से ज्यादा रिफंड अकाउंट में
रेलवे काउंटर पर बुक कराये गये टिकटों के रिफंड की सीमा घटा कर 5, 000 कर दी गयी है. इससे अधिक रिफंड की रकम को खाते में ही भेजा जायेगा.
एटीएम से निकासी की सीमा नहीं बढ़ेगी
एटीएम से निकासी की सीमा 19 नवंबर से बढ़ा कर 4,000 रपये प्रतिदिन करने का विचार सरकार ने फिलहाल टाल दिया है. बचत बैंक खातों के तहत एटीएम से निकासी की सीमा फिलहाल 2,500 रुपये प्रतिदिन पर कायम रहेगी. चेक के जरिये सप्ताह में 24,000 रुपये बचत खाते से निकाले जा सकते हैं. पहले यह सीमा 20,000 रुपये थी. चालू खातों से निकासी की सीमा एक सप्ताह में 50,000 रुपये पर कायम रहेगी.

सुप्रीम कोर्ट नोटबंदी पर रोक से इनकार, इंतजामों पर मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की 500 व 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर करने संबंधी अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. वैसे कोर्ट ने सरकार से लोगों की दिक्कतें कम करने का निर्देश देते हुए कहा है कि वह उनके खिलाफ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ नहीं कर सकती. देश भर में बैंकों व एटीएम के बाहर लोगों की लंबी कतारों की ओर इशारा करते हुए प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड की पीठ ने कहा कि बढ़ई, घरेलू सहायक, सब्जी विक्रेता नकदी पर निर्भर हैं. क्या सरकार उनकी परेशानी घटाने में सक्षम है. सरकार का लक्ष्य कालेधन को समाप्त करना है, लेकिन बिना काम के घंटों कतारों में खड़े होकर आम जनता परेशान है. कोर्ट ने कालेधन के अपराध के खिलाफ लड़ाई को ‘सराहनीय’ कदम बताते हुए केंद्र से कहा कि वह नकदी निकासी की सीमा बढ़ाने पर भी विचार करे. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र या रिजर्व बैंक को कोई नोटिस जारी नहीं किया और उनसे कहा कि वे इस मामले में अब तक उठाये गये कदमों के बारे में विस्तृत हलफनामा दाखिल करें. मामले में अगली सुनवाई 25 नवंबर को होनी है.

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