नयी दिल्ली : एनएसजी में भारत की एंट्री को ब्लॉक करने के लिए चीन आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहा है. स्थिति के मद्देनजर एनएसजी के सदस्य चीन के अड़ंगा लगाने की सूरत में अनौपचारिक तौर वैकल्पिक प्लान की बात कर रहे हैं.
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक इस मामले में अहम गतिरोध का मामला नौ जून को विएना में हुई तकनीकी बैठक का है. भारत का अावेदन स्वीकार कर लिया गया था. इसका मतलब यह था कि तकनीकी तौर पर उसने उस बाधा को पार कर लिया है, जिस पर सोल में विचार होना है. रिपोट्स के मुताबिक इसी वक्त चीन ने इसमें बाधा डालते हुए यह कहा कि एनएसजी को पहले उन देशों को इस समूह में शामिल करने पर आम सहमति बनानी होगी, जिन्होंने परमाणु अप्रसार संघि पर दस्तखत नहीं किये हैं. सूत्रों के हवाले एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एनएसजी से जुड़े ज्यादातर देशों ने भारत के पक्ष में बात की है.
हालांकि चीन इसमें अबभी बाधा पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहा है. इसलिए फिलहाल एनएसजी की अगुवाई कर रहा देश अर्जेटीना कुछ अन्य देशों के साथ मिलकर अन्य विकल्प पर चर्चा कर रहा है. इसके तहत एक निश्चित समयसीमा के भीतर वर्किंग समूह बनाने की बात है, जो परमाणु अप्रसार संधि पर दस्तखत नहीं करने वाले देशों को इस समूह में शामिल करने के लिए दिशानिर्देश बनायेगा.
इन सबके बीच भारत अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले सदस्यता हासिल कर लेना चाहता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दावेदारी को लेकर कई देशों से समर्थन हासिल करने में कामयाब भी हुए हैं. भारत ने भी इस बात का ध्यान रखते हुए अपने समर्थकों के जरिये संभावित विरोधियों पर निशाना साधने की एक नयी योजना बनायी है. सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ऐसा हालात बनाने के लिए काम कर रहा है, जहां चीन को यह यह बताना पड़ेगा कि वह भारत के प्रवेश का क्यों विरोध कर रहा है.