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नयी दिल्ली : महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आज कहा कि सरकार वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में लाने पर विचार कर रही है. उनका यह बयान संसद में दिये गये उनके उस बयान को लेकर हंगामा मचने के एक महीने बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि इस अवधारणा […]

नयी दिल्ली : महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आज कहा कि सरकार वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में लाने पर विचार कर रही है. उनका यह बयान संसद में दिये गये उनके उस बयान को लेकर हंगामा मचने के एक महीने बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि इस अवधारणा को भारतीय संदर्भ में उपयुक्त तरीके से लागू नहीं किया जा सकता.

सरकार के प्रयास जारी

गांधी ने कहा कि इस मुद्दे पर आगे बढ़ने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में लाने का प्रयास किया जा रहा है तो उन्होंने कहा, कि अब हो रहा है.’ 61 अतिरिक्त जिलों में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान शुरू करने के लिए आयोजित कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने यह बात कही. गांधी ने उम्मीद जतायी कि इस मुद्दे पर शीघ्र फैसला होगा.

इससे पहले मांगी गयी थी राय

इससे पहले, गृह मंत्रालय ने आपराधिक न्याय व्यवस्था की व्यापक समीक्षा के दौरान विधि आयोग से राय मांगी थी. मंत्री को पिछले महीने संसद में वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में लाने की सरकार की योजना के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देने के दौरान कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था. गांधी ने कहा था कि ऐसा माना जाता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जैसा वैवाहिक बलात्कार की अवधारणा को समझा जाता है इसे भारतीय संदर्भ में विभिन्न कारकों यथा शिक्षा का स्तर, गरीबी, असंख्य सामाजिक रीति-रिवाज, मूल्य, धार्मिक आस्था, समाज की विवाह को संस्कार मानने की वजह से लागू नहीं किया जा सकता.

ठोस सबूत जरूरी

मेनका गांधी ने इसमें यह साफ स्पष्ट किया की कानून में पारदर्शिता की सीमा बहुत ओपेन होगी. वैले कोई किसी के बारे में कुछ कह दे अथवा बिना सबूत के मामलों पर विचार नहीं किया जायेगा. गांधी ने बाद में कहा था कि मंत्रालय वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में लाने पर विचार कर सकता है बशर्ते इस तरह की पर्याप्त शिकायतों का ठोस सबूत हो.

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