नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि जनवरी में लागू की गयी सम-विषम योजना से प्रदूषण ‘उम्मीद के अनुरुप’ कम नहीं हुआ लेकिन इससे शहर में यातायात जाम को कम करने में उल्लेखनीय मदद मिली है. सर्वोदय बालिका विद्यालय की एक छात्रा के सवाल का जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा, सम-विषम योजना से प्रदूषण कम हुआ था लेकिन उतना नहीं जितने की हमने उम्मीद की थी.
हालांकि इससे यातायात जाम में उल्लेखनीय कमी आयी थी. सड़कें खाली थीं और लोगों ने इसे बहुत पसंद किया. राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर को देखते हुए सम-विषम योजना को एक जनवरी से 15 जनवरी तक प्रायोगिक आधार पर लागू किया गया था. इस योजना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू होगा.
केजरीवाल ने कहा कि जनवरी में सम-विषम योजना के परीक्षण के दौरान प्रदूषण के स्तर में हुई गिरावट के मुद्दे पर बहस चल रही है और इससे जुड़े आकलनों में भिन्नता है. उन्होंने कहा, ‘‘फॉर्च्यून पत्रिका कहती है कि यह :प्रदूषण: 13 प्रतिशत गिरा, अन्य कहते हैं कि गिरावट 55 प्रतिशत की रही. सम-विषम योजना के कारण प्रदूषण कम हुआ था. सम-विषम योजना के प्रथम चरण के दौरान इसके कारण प्रदूषण ‘बढ़ने’ से जुड़ी खबरों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क पर वाहनों की संख्या कम होने पर प्रदूषण बढ़ कैसे सकता है?
केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं एक बच्चे का साक्षात्कार देख रहा था, जिसने यह पूछा था कि दिल्ली की सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो जाने पर प्रदूषण बढ़ कैसे सकता है?” उन्होंने दावा किया कि सम-विषम के 15 दिन के परीक्षण के दौरान पेट्रोल और डीजल की बिक्री में 40 फीसदी की गिरावट आयी थी. उन्होंने कहा कि अगर ईंधन की खपत कम हुई, तो प्रदूषण का स्तर कम होना ‘स्वाभाविक’ ही है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम सम-विषम की योजना को हर माह में 15 दिन लागू करने पर विचार कर रहे हैं. हालांकि हमने इसपर फैसला नहीं लिया है. ऐसा करने से प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी और यातायात जाम से बड़ी राहत मिलेगी.” मुख्यमंत्री ने स्कूली छात्राओं को शहर के वायु प्रदूषण से लड़ने की शपथ दिलायी. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और परिवहन मंत्री गोपाल राय भी मौजूद थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शहर के वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अन्य उपाय भी कर रही है, जिनमें ज्यादा फेरों वाली लग्जरी बसें लाना शामिल है ताकि सार्वजनिक परिवहन को लोकप्रिय बनाया जा सके. इसके अलावा सड़कों की वैक्यूम क्लीनिंग भी इसमें शामिल है.
केजरीवाल ने कहा, अगले दो-तीन माह में, हम शहर की 1000 किलोमीटर से ज्यादा सड़क की वैक्यूम क्लीनिंग सुनिश्चित करेंगे. जनवरी में सम-विषम योजना को सफल बनाने में स्कूली बच्चों की ओर से निभायी गयी ‘बेहद अहम’ भूमिका की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपने माता-पिता, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ-साथ सड़क पर इस योजना का उल्लंघन करने वालों को भी मनाएं कि वे 15 अप्रैल से शुरू हो रहे दूसरे चरण का पालन करें.
उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूली ड्रेस पहने बच्चों को ले जा रहे वाहनों को इस योजना से छूट दी है, जिससे मुश्किल भी पैदा हो सकती है. केजरीवाल ने समस्याओं से बचने के लिए पड़ोसियों के साथ कार-पूलिंग करने का सुझाव दिया.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘हमने इस पर बहुत सोचा लेकिन कोई हल नहीं निकल सका. इससे कुछ समस्याएं होंगी लेकिन पड़ोसियों के साथ वाहन साझा किये जा सकते हैं.” परिवहन मंत्री गोपाल राय ने छात्रों को सलाह दी कि वे सरकार द्वारा शुरु किये गये ‘पूछो कारपूल’ एप्प की मदद लें.
केजरीवाल ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ कल हुई मुलाकात का हवाला देते हुए कहा कि पूर्वी और पश्चिमी सीमा पर एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा हो जाने से ट्रकों को दिल्ली से दूर रखा जा सकेगा और इससे हवा की गुणवत्ता सुधरेगी. उन्होंने कहा, मंत्री ने वादा किया है कि पूर्वी और पश्चिमी सीमा पर एक्सप्रेस वे निर्माण का काम अगले 400 दिन में पूरा हो जायेगा. इससे दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार आयेगा क्योंकि ट्रकों को शहर में घुसने से रोका जा सकेगा. छात्राओं के सवालों का जवाब देते हुए केजरीवाल ने लातूर के जल संकट का उल्लेख किया और छात्राओं को वायु प्रदूषण से लड़ने के अलावा पानी बचाने की भी सलाह दी.