फरीदकोट: एक पवित्र किताब के कथित अपमान के मुद्दे पर सिख प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच फरीदकोट, मोगा और संगरुर जिलों सहित पंजाब में कई जगहों पर हुई झडपों में आज दो लोगों की मौत हो गई जबकि एक पुलिस महानिरीक्षक सहित 75 अन्य जख्मी हो गए. यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर बहबल कलां […]
फरीदकोट: एक पवित्र किताब के कथित अपमान के मुद्दे पर सिख प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच फरीदकोट, मोगा और संगरुर जिलों सहित पंजाब में कई जगहों पर हुई झडपों में आज दो लोगों की मौत हो गई जबकि एक पुलिस महानिरीक्षक सहित 75 अन्य जख्मी हो गए. यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर बहबल कलां गांव में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच भीषण झडप हुई. कट्टरपंथियों सहित विभिन्न सिख संगठनों ने गांव को जाम कर दिया था.
फरीदकोट के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक :एसएसपी: सुखविंदर सिंह ने कहा, ‘‘बहबल कलां गांव के पास कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए जाम को हटाने के लिए एक पुलिस टीम भेजी गई. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झडप हो गई, जिससे पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाई, आंसू गैस के गोले छोडे और भीड को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें मारी.’ एसएसपी ने कहा कि झडप में दो नौजवानों की मौत हो गई. उनकी उम्र करीब 20 साल बताई जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘हालात तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में हैं.’ इससे पहले, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जिले के कोटकापुरा में झडप हुई थी. अधिकारियों ने बताया कि बठिंडा प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक जे के जैन सहित 75 लोग इन झडपों में जख्मी हो गए. इनमें चार लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. जख्मी हुए लोगों में 15 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. संगरुर और मोगा की कुछ जगहों से भी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झडप की खबरें आई हैं. प्रदर्शनकारी एक धार्मिक पुस्तक के कुछ पन्नों को कथित तौर पर फाडने की खबरों से आक्रोशित थे.
अधिकारियों ने बताया कि फरीदकोट, मोगा, मनसा, बठिंडा और संगरुर जिलों में भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है. मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है
सिख संगठन धार्मिक ग्रंथ के 150 पन्ने कथित तौर पर फाडने की घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. बादल ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस ने कहा कि मोगा, फरीदकोट, संगरुर के अलावा बठिंडा और मानसा के कुछ हिस्सों में बडे पैमाने हुए प्रदर्शन के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. उपायुक्त के के यादव ने बताया कि जालंधर में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है, जिसके तहत एक जगह पर चार से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते. जिले के ग्रामीण इलाकों में 11 दिसंबर तक निषेधाज्ञा लगाई गई है. सिख संगठनों ने भवानीगढ में संगरुर-पटियाला रोड, मस्तुआना में संगरुर-बरनाला रोड, संगरुर में संगरुर-धुरी रोड, सुनाम के पास आईटी चौक और शेरोन चौक, शेरपुर के पास कतरोन गांव, मुलोवाल गांव में धुरी-बरनाला रोड पर यातायात जाम किया. इसके अलावा, पुलिस ने बताया कि मलेरकोटला के पास रुडकी गांव, गुरुद्वारा हा दा नारा के पास मलेरकोटला, मलेरकोटला-लुधियाना रोड, डिरबा में संगरुर-दिल्ली राजमार्ग के अलावा बरनाला में हंडीआया चौक में भी प्रदर्शन किए गए. पुलिस ने करीब 500 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है. कोटकापुरा इलाके में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं