न्यूयॉर्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेलिब्रिटी शेफ विकास खन्ना द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को उपहार में दिये जाने वाले एक भारतीय ‘ध्वज’ पर आज हस्ताक्षर किये जिसके बाद कड़ी प्रतिक्रियाएं आईं और इसके बाद सरकार ने जोर देते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा नहीं था.
सोशल मीडिया पर मोदी के तिरंगे पर दस्तखत करने का मुद्दा छा गया जिसके बारे में खन्ना ने कहा था कि वह उसे ओबामा को भेंट करेंगे. खन्ना ने कल रात फॉर्च्यून 500 में सूचीबद्ध कंपनियों के सीईओ के साथ प्रधानमंत्री मोदी के रात्रिभोज का मेन्यू तैयार किया था. शेफ ने प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर वाला कपडे का टुकडा मीडिया को भी दिखाया.
सरकार के प्रवक्ता फ्रेंक नोरोन्हा ने इस बात से इनकार किया कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज पर हस्ताक्षर किये थे. उन्होंने कहा कि इसे जब्त नहीं किया गया है जिस तरह की खबरें हैं. पत्र सूचना कार्यालय में महानिदेशक (मीडिया और संचार) नोरोन्हा ने नयी दिल्ली में कहा कि वह कपडे का टुकडा एक ‘विशेष रुप से सक्षम’ लड़की की हस्तशिल्प कृति था और प्रधानमंत्री ने सहानुभूति के आधार पर उस पर हस्ताक्षर किये थे.
नोरोन्हा ने कहा, ‘‘उस कपडे के टुकडे पर ना तो सफेद रंग है और ना ही चक्र है. उसे लड़की ने अपने पैर के अंगूठे से बनाया है और प्रधानमंत्री ने उसके प्रति करुणा दिखाई. ‘ उन्होंने इस बात को पूरी तरह गलत बताया कि इसे जब्त कर लिया गया है.
भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के अनुसार भारत के राष्ट्रीय ध्वज पर किसी तरह का कुछ अंकित करना राष्ट्रीय ध्वज का अपमान होता है. इसमें यह भी कहा गया है कि तिरंगे पर किसी तरह का कुछ लिखा नहीं जाएगा. सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आने लगीं और विवाद शुरु हो गया.
क्या राष्ट्रीय ध्वज पर हस्ताक्षर करने का प्रधानमंत्री का कदम आईपीसी के तहत कोई अपराध है, इस पर कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने नयी दिल्ली में कहा, ‘‘हम भाजपा की तरह संकीर्ण सोच वाले नहीं हैं. हम प्रधानमंत्री के पद का सम्मान करते हैं.’ उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को इस बारे में विचार करके सुधारात्मक कदम उठाना चाहिए क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना 125 करोड़ जनता की जिम्मेदारी है, और उससे भी अधिक प्रधानमंत्री की है.
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘आप उंचे पद पर बैठे हो सकते हैं, लेकिन राष्ट्रीय ध्वज आपसे उपर है. आपको इसे समझना चाहिए.’ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री ने ध्वज संहिता 2002 के पैरा 2.1, सब पैरा 6 और पैरा 3.28 को पढ़ा है जिसमें लिखा है कि राष्ट्रीय ध्वज पर लिखना दुरपयोग करना होता है. इसके लिए पीआईएनएच कानून 2003 के तहत तीन साल की कैद की सजा का प्रावधान है.’ इसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर बिना बात के विवाद खड़ा करने का और मोदी पर ‘असंगत तथा अनुचित’ टिप्पणी करने का आरोप लगाया.
प्रधानमंत्री ने शेफ विकास खन्ना से कहा था कि यहां वाल्डोर्फ अस्टोरिया होटल में उनसे मुलाकात करने वाले मेहमानों के लिए शानदार मेन्यू तैयार करके खन्ना ने उन्हें गौरवान्वित किया है. मोदी के मेहमानों में अमेरिका की करीब शीर्ष 50 कंपनियों के सीईओ शामिल थे.