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प्रकाश जावडेकर का दावा, जीएसटी विधेयक के लिए राज्यसभा में भी सरकार के पास बहुमत

लखनऊ : केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रकाश जावडेकर ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित करवाने के लिए राज्यसभा में भी सरकार के पास बहुमत हो जाने का दावा करते हुए इस विधेयक को पारित करने के लिए संसद सत्र को पुन: शुरू किये जाने के संकेत दिये हैं. जावडेकर ने आज यहां […]

लखनऊ : केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रकाश जावडेकर ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित करवाने के लिए राज्यसभा में भी सरकार के पास बहुमत हो जाने का दावा करते हुए इस विधेयक को पारित करने के लिए संसद सत्र को पुन: शुरू किये जाने के संकेत दिये हैं. जावडेकर ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘लिख लीजिए. जीएसटी पास होकर रहेगा. जीएसटी के लिए राज्यसभा में भी हमारे पास बहुमत है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार जीएसटी विधेयक पारित कराने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने वाली है,

उन्होंने कहा, ‘संसद का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुआ है. अभी सत्रावसान नहीं हुआ है.’ जावडेकर ने मानसून सत्र को हंगामे की भेंट चढा देने के लिए कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, ‘लोकसभा में एक-एक करके सारे विधेयक पास हो गये, मगर राज्यसभा में कोई काम नहीं हो पाया. इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है.’ कांग्रेस को गरीब, उन्नति और लोकतंत्र विरोधी करार देते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस ने संसद नहीं चलने देने का निर्णय पहले ही कर लिया था. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ आरोप तो बाद में बहाने के रूप में गढे गये.’

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस को परिवारवादी पार्टी बताते हुए कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त को हजम नहीं कर पा रही है, क्‍योंकि गांधी परिवार को सत्ता के बाहर रहने की आदत नहीं है. उन्होंने याद दिलाया कि एनडीए शासन को छोडकर देश में जब कभी कांग्रेस सत्ता से बाहर भी हुई तो दो ढाई साल के लिए होती थी और उसमें भी किसी न किसी रूप में उसका समर्थन रहता था. उन्होंने अपनी बात के समर्थन में चौधरी चरण सिंह, चन्द्रशेखर और देवगौडा सरकारों का जिक्र किया जो कांग्रेस के समर्थन वापस लेन के कारण गिर गयी थीं.

लोकसभा में 25 सांसदो के निलंबन के विरोध में कांग्रेस के हंगामे और विरोध प्रदर्शनों के बारे में जावडेकर ने कहा कि आपातकाल में 125 सांसदों को गिरफ्तार करवा लेने वाली कांग्रेस 25 सांसदों का निलंबन भी बर्दाश्त नहीं कर पायी. उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल इसलिए लगाया था कि सत्ता परिवार से बाहर न जाने पाये, वरना वह पार्टी के किसी और नेता को प्रधानमंत्री बना सकती थी. जावडेकर ने कहा कि कांग्रेस की नीति ही विकास, प्रगति और गरीब के खिलाफ है. जब सत्ता में रही तब भी यही किया और अब विपक्ष में है तो भी वही कर रही है.

उन्होंने कहा कि 543 सदस्यीय लोकसभा में कांग्रेस के 44 सदस्य देश की प्रगति रोक रहे हैं, मगर वे इसमें कामयाब नहीं हो पाएंगे. देश तो उन्नति करेगा और कर रहा है. जन धन योजना में गरीबों के 17 करोड खाते खुलना और विभिन्न बीमा योजनाओं में 11 करोड लोगों को सुरक्षा कवच मिलना इसका प्रमाण है. यह याद दिलाने पर कि कांग्रेस के जमाने में भाजपा ने जीएसटी का विरोध किया था,

जावडेकर ने कहा कि हमारी मांग राज्यों की सहमति बनाने की थी, जो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बना ली है. उन्होंने कहा कि भाजपा ही नहीं कांग्रेस शासित राज्य भी जीएसटी के पक्ष में है. भूमि अधिग्रहण विधेयक के कई मुददो पर सरकार के कदम वापस खींच लेने के बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि जो उचित सुझाव होगा माना जाएगा, हमने जिद नहीं की.

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