22.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ऐतिहासिक मिठाई की दुकान ”घंटेवाला” के साथ इतिहास का एक अध्याय समाप्त

नयी दिल्ली : दिल्ली की सन्1790 की ऐतिहासिक मिठाई की दुकान ‘घंटेवाला’ बुधवार को बंद हो गई.जिस समय यह दुकान खुली थी, उस समय दिल्ली में मुगल शासक शाह आलम द्वितीय का शासन था. दुकान के मालिक सुशांत जैन ने बताया यह एक मुश्किल फैसला था. वे आठ पुश्तों से इस दुकान को चलाते आ […]

नयी दिल्ली : दिल्ली की सन्1790 की ऐतिहासिक मिठाई की दुकान ‘घंटेवाला’ बुधवार को बंद हो गई.जिस समय यह दुकान खुली थी, उस समय दिल्ली में मुगल शासक शाह आलम द्वितीय का शासन था. दुकान के मालिक सुशांत जैन ने बताया यह एक मुश्किल फैसला था. वे आठ पुश्तों से इस दुकान को चलाते आ रहे हैं, लेकिन इसकी घटती बिक्री के चलते ये फैसला लेना पड़ा.

दुकान के नामांकन के बारे में सुशांत कहते हैं कि मुगल शासक शाह आलम की सवारी जब दुकान के सामने से गुजरती थी तो उनका हाथी इस दुकान के आगे आकर रुक जाता था. वह जब तक यहां की मिठाई नहीं खा लेता था, तब तक आगे नहीं बढ़ता था और वहीं खड़े होकर अपने गले की घंटी बजाता रहता था. उस वजह से लोग इस दुकान को घंटेवाला के नाम से जानने लगे. यह भी माना जाता है कि उनके पूर्वज घंटी बजाकर मिठाई बेचते थे, इसलिए इस दुकान का नाम घंटेवाला ही पड़ गया था.

इस दुकान के नजदीक ही साड़ी की दुकान चलाने वाले अशोक अरोरा कहते हैं कि, घंटेवाला का घी में डूबा सोहन हलवा सबको पसंद था. राजीव गांधी, मोहम्मद रफी और मोरार जी देसाई इस दुकान की मिठाई के शौकीन थे. इसकी मिठाइयां पुरानी दिल्ली में तो मशहूर थीं ही, साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों भी इस दुकान की मिठाई को चखने के लिए आते थे. यह दुकान उनके लिए चुंबक की तरह थी. माना जाता है कि दीवाली की रात को ग्राहकों की लाइन को कंट्रोल करने के लिए पुलिस तैनात होती थी.

दुकान में सबसे मशहूर सोहन हलवा था. नमकीन में आलू लच्छा, दालबीजी, नमकीन काजू, बेसन का मोगरा थी. सर्दियों के दिनों में दुकान में बिकने वाला हब्शी हलवा खासा मशहूर था.इस दुकान के बंद होने से राजधानी के इतिहास का एक अध्याय खत्म हो गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें