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वैंकया नायडू ने कहा, साध्वी निरंजन को बर्खास्त करने का सवाल ही नहीं

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान को लेकर आज दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ जिसके कारण राज्यसभा को दो बजे तक स्थगित करना पड़ा. इस मामले की गूंज लोकसभा में भी सुनाई दी विपक्ष ने प्रश्नकाल में हंगामा करने के बाद शून्यकाल में वाकआउट कर दिया. विपक्ष साध्वी को […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान को लेकर आज दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ जिसके कारण राज्यसभा को दो बजे तक स्थगित करना पड़ा. इस मामले की गूंज लोकसभा में भी सुनाई दी विपक्ष ने प्रश्नकाल में हंगामा करने के बाद शून्यकाल में वाकआउट कर दिया.

विपक्ष साध्वी को बर्खास्त करने की मांग पर अड़ा हुआ है.साध्‍वी निरजन ने आज दोनों सदनों में अपने बयान पर खेद प्रकट किया.इस मुद्दे पर कांग्रेस सहित कई पार्टियों ने सदन से वॉक आउट कर दिया है. राज्यसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे. संसदीय कार्य मंत्री वैंकया नायडू ने राज्यसभा में बयान देते हुए कहा कि साध्वी निरंजन का बयान निंदनीय था, लेकिन वे इस पर माफी मांग चुकीं हैं.

इसके बाद नायडू ने कहा कि जब मंत्री ने सदन के बाहर दिए गए बयान पर सदन में आ कर खेद जता दिया है तो इस मामले को समाप्त मान लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि यह बयान बेहद आपत्तिजनक और अस्वीकार्य है. नायडू ने कहा कि पिछली सरकार में एक तत्कालीन केंद्रीय मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और सपा नेता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था और इस पर माफी मांगने से इंकार कर दिया था.

इस बयान को लेकर बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माफी मांगी थी. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने भी महिलाओं को लेकर एक बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था.संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि ऐसे बयानों पर क्या कार्रवाई हुई.

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि साध्‍वी के सिर्फ माफी मांगने से कुछ नहीं होगा उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए, नहीं तो उन्हें सदन से बर्खास्त किया जाना चाहिए. इस बयान पर कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि साध्वी का बयान काफी निंदनीय है.

सुकमा एनकाउंटर पर लोकसभा में बयान देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही मैं वहां गया. सरकार माओवादियों से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार की नीतियों से माओवादी कमजोर हुए हैं. हम नक्सलियों से सख्‍ती से निपटेंगे. जब राज्य सरकार केंद्र से मदद मांगती है तो उन्हें सुरक्षाबल उपलब्ध कराये जाते हैं. मैं इस एनकाउंटर में मारे गए लोगों के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं.

प्रधानमंत्री के विदेश दौरे पर बयान देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत की विदेश नीति ने नए मुकाम हासिल किए हैं. ऑस्ट्रेलिया के पीएम और चीन के राष्‍ट्रपति की भारत यात्रा सम्मान की बात है. बिना विपक्ष की मांग पर बयान देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि पीएम ने 45 अंतरराष्‍ट्रीय नेताओं से मुलाकात की. चीन और जापान के साथ हमारे संबंध मजबूत हुए हैं.

कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने सरकार के इस रुख पर बेहद आपत्ति जताते हुए कहा कि नायडू तथा कल सदन के नेता अरुण जेटली ने संबंधित मंत्री के बयान को खेदजनक बताया था तथा मंत्री ने सदन में आ कर अपने बयान पर खेद जताया और माफी मांगने की पेशकश की. शर्मा ने कहा कि लेकिन यह मामला इतना आसान नहीं है कि यह केवल मंत्री के माफी मांग लेने से समाप्त हो जाए. शर्मा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री संविधान की शपथ लेते हैं और क्या वह केवल सदन के भीतर ही मंत्री रहते हैं एवं सदन के बाहर जा कर कुछ भी बोल सकते हैं.

उन्होंने कहा कि मंत्री ने जो भी कहा वह संजोय होने के साथ साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 :ए: के तहत दंडनीय अपराध है जिसमें कम से कम तीन साल तक की सजा हो सकती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पिछले दो दिन से संसद में मौजूद हैं लेकिन उन्होंने एक भी दिन उच्च सदन में आ कर इस मुद्दे पर सफाई देने की जरुरत नहीं समझी. माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि इस मामले में मंत्री के माफी मांग लेने से अपराध खत्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है और मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए. जदयू के शरद यादव ने इस मामले में मंत्री को बर्खास्त करने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि यदि ऐसे मामलों में कार्रवाई होगी तो आगे से कोई भी मंत्री ऐसे बयान देने से बचेगा.

इसी बीच, सत्ता पक्ष के कई सदस्य इस मुद्दे पर अपनी ओर से किसी को बोलने का मौका देने की मांग करने लगे. इसके विरोध में मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करते हुए कांग्रेस, सपा और जदयू के सदस्य आसन के समक्ष आ गए एवं नारेबाजी करने लगे. उपसभापति पी जे कुरियन ने उत्तेजित सदस्यों को कई बार शांत कराने और सदन की कार्रवाई चलने देने का अनुरोध किया. हंगामा थमते न देख उन्होंने पहले दस मिनट के लिए और फिर 11 बज कर 55 मिनट पर सदन की बैठक दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दी. बारह बजे बैठक फिर शुरू होने पर वही नजारा देखने को मिला। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सभापति हामिद अंसारी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष के हंगामा कर रहे सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने के लिए कहा. लेकिन उनकी इस अपील का कोई असर नहीं हुआ.

सभापति ने हंगामा थमते न देख बैठक पहले 15 मिनट और फिर दोपहर 12 बज कर 18 मिनट पर दो बजे तक स्थगित कर दी. उधर लोकसभा में भी इसी मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के चलते सदन की कार्यवाही करीब 11 बजकर 37 मिनट पर पौने बारह बजे तक करीब आठ मिनट के लिए स्थगित करनी पडी। प्रश्नकाल समाप्त होने पर विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया. प्रश्नकाल में विपक्षी दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर संबंधित मंत्री के इस्तीफे की मांग और नारेबाजी करने लगे.

अध्यक्ष सुमित्र महाजन ने कहा कि कल इस विषय पर बातें हो चुकी है, सदस्य अपने विचार रख चुके हैं. उन्होंने कहा ‘‘आपको बोलने दिया गया है. अब कृपया सदन को चलने दें। शून्यकाल में अपनी बात रखें. ’’ कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खडगे ने कहा कि कल प्रधानमंत्री सदन में नहीं थे। आज प्रधानमंत्री आए हैं. एक मंत्री ने ऐसा बयान दिया है. उन्होंने अपना अपराध मान लिया है. अब प्रधानमंत्री बतायें कि माफी मांगने वाले मंत्री पर क्या कार्रवाई की गई. नायडू ने विपक्षी सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने को कहा. लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा. प्रश्नकाल समाप्त होते ही हंगामा कर रहे कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्य सदन से वाकआउट कर गए.

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