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खुलासा! भारतीय सेना के खिलाफ पाक लेता है आतंकियों का साथ

वाशिंगटन : पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर एक बार फिर शर्मसार हुआ है. अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय सेना से मुकाबले के लिए वह आतंकी समूहों का उपयोग कर रहा है. आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों का आकलन करते हुए पेंटागन ने अमेरिकी कांग्रेस को बताया […]

वाशिंगटन : पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर एक बार फिर शर्मसार हुआ है. अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय सेना से मुकाबले के लिए वह आतंकी समूहों का उपयोग कर रहा है. आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों का आकलन करते हुए पेंटागन ने अमेरिकी कांग्रेस को बताया है कि वह श्रेष्ठ भारतीय सेना से मुकाबला करने के लिए आतंकी समूहों का इस्तेमाल कर रहा है.उल्लेखनीय है कि भारत उस पर इस तरह के आरोप बार-बार लगाता रहा है, लेकिन पाकिस्तान बड़े जोर-शोर से इन बातों का खंडन करता रहा है. लेकिन पेंटागन की ताजा रिपोर्ट ने सच को सार्वजनिक कर दिया है.
पेंटागन ने अपनी हालिया छमाही रिपोर्ट में अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति के बारे में कांग्रेस को बताया, ‘‘अफगानिस्तान और भारत को निशाने पर लेने वाले आतंकी अफगान एवं क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान से लगातार काम कर रहे हैं. पाकिस्तान इन आतंकी बलों का इस्तेमाल अफगानिस्तान में अपने प्रभाव में आयी कमी के खिलाफ और भारत की श्रेष्ठ सेना से मुकाबला करने के लिए कर रहा है.’’ पेंटागन ने 100 से ज्यादा पन्नों की इस रिपोर्ट में कहा, ‘‘ये संबंध पाकिस्तान के उस सार्वजनिक प्रतिबद्धता के विपरीत है, जिसके तहत उसने अफगान नेतृत्व वाली मैत्री को समर्थन देने की बात कही थी. इन समूहों का अफगान-पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों में एक प्राथमिक उत्तेजक बल के रूप में काम करना अभी भी जारी है.’’
मोदी के शपथग्रहण से पहले भारतीय वाणिज्य दूतावास पर किया हमला
हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले के संदर्भ में पेंटागन ने कहा कि यह हमला भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह से ठीक पहले किया गया था. पेंटागन ने कहा, ‘‘रिपोर्ट की इस अवधि के दौरान मई में भारी हथियारों से लैस चार आतंकियों के समूह ने हेरात प्रांत स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला बोला. यह हमला भारत के नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से ठीक तीन दिन पहले हुआ था. प्रधानमंत्री मोदी को हिंदू राष्ट्रवादी समूहों के करीब माना जाता है. इस हमले के समय के पीछे संभवत: यह तथ्य रहा हो.’’
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘जून में, अमेरिकी विदेश मंत्रलय ने घोषणा की थी कि हमले के लिए आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा जिम्मेदार था. पूर्व अफगान राष्ट्रपति करजई ने भारत के साथ संबंधों का समर्थन करते हुए इस हमले की निंदा कड़े शब्दों में की थी.’’ पेंटागन ने कांग्रेस को सूचित किया कि भारत अभी भी अफगानिस्तान का सहयोग कर रहा है, क्योंकि उसका मानना है कि एक सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान इस क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगा और मध्य एशिया में आर्थिक गलियारों के लिए मददगार होगा.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘भारत और अफगानिस्तान ने वर्ष 2011 में एक रणनीतिक साङोदारी के घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें शासन, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, शिक्षा, लोकप्रशासन और सुरक्षा एवं कानून प्रवर्तन पर सहयोग को औपचारिक रूप दिया गया था.’’

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