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VIDEO: बोले सेना प्रमुख नरवणे- सरकार आदेश दे तो हो सकता है पीओके पर भी हमारा कब्जा

नयी दिल्ली : जनरल मनोज मुकुंद नरवणे शनिवार को सेना प्रमुख बनाए जाने के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अभी हम भविष्य में काम आने वाली ट्रेनिंग पर ध्‍यान केंद्रीत किये हुए हैं. हमारा जोर संख्याबल पर नहीं, गुणवत्ता पर है. नरवणे ने आगे कहा कि संविधान के प्रति निष्ठा […]

नयी दिल्ली : जनरल मनोज मुकुंद नरवणे शनिवार को सेना प्रमुख बनाए जाने के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अभी हम भविष्य में काम आने वाली ट्रेनिंग पर ध्‍यान केंद्रीत किये हुए हैं. हमारा जोर संख्याबल पर नहीं, गुणवत्ता पर है.

नरवणे ने आगे कहा कि संविधान के प्रति निष्ठा हर वक्त हमारा मार्गदर्शन करेगा. संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावना हमें मार्गदर्शन करता रहेगा. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का फोकस भविष्य के युद्धों के लिए सेना को तैयार करने पर होगा जो नेटवर्क केंद्रित और जटिल होगा. उन्होंने कहा कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष पद का गठन तीनों सेवाओं के बीच एकीकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है. हमारा ध्यान सेना के भीतर और सभी सेवाओं के बीच एकीकरण पर होगा. सबको साथ लेकर चलेंगे.

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चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में किये जा रहे सैन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार को लेकर सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि हम उत्तरी सीमा पर उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं.नरवाणे ने कहा कि पश्चिमी सीमाओं पर एक सेना इकाई को छह सेना अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर दिए जाएंगे.

पीओके को भारत का हिस्सा बताते हुए गृहमंत्री अमित शाह संसद में बयान दे चुके हैं. इस संबंध में जब पत्रकारों ने सेना प्रमुख से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि संसदीय प्रतिज्ञा के अनुसार जम्मू-कश्मीर अखंड भारत का हिस्सा है. यदि संसद यह चाहती है कि क्षेत्र (पीओके) भी हमारे क्षेत्र में मिल जाए. तो इससे संबंधित आदेश जब भी आएगा, हम उचित कार्रवाई के लिए तैयार हैं.

पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान सेना द्वारा दो निहत्थे नागरिकों की हत्या पर उन्होंने कहा कि हम इस तरह की बर्बर गतिविधियों का सहारा नहीं लेते हैं और एक बहुत ही पेशेवर सेना के रूप में लड़ते हैं. हम ऐसी स्थितियों से उचित सैन्य तरीके से निपटेंगे.एलओसी पर पाकिस्तान सेना और आतंकियों के खतरे पर उन्होंने कहा कि एलओसी बेहद सक्रिय है. रोजाना खुफिया अलर्ट प्राप्त होते हैं और उन्हें बहुत गंभीरता से देखा जाता है. इस सतर्कता के कारण, हम बीएटी के नाम से जाने जानी वाली इन क्रियाओं को विफल करने में सक्षम रहे हैं.

आपको बता दें कि पूर्व सेना प्रमुख विपिन रावत के इस्तीफा देने के बाद नरवणे ने 31 दिसंबर को 28वें सेना प्रमुख का पदभार संभाला था. इससे पहले, जनरल नरवणे गुरुवार को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन पहुंचे थे और वहां का जायजा लिया था. यदि आपको याद हो तो जनरल विपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाये गये हैं.

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