नयी दिल्ली : कांग्रेस ने लखनऊ में प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ पुलिस द्वारा धक्का-मुक्की किये जाने और राज्य में गुंडाराज होने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए. पार्टी प्रवक्ता सुष्मिता देव ने यह भी कहा कि प्रियंका के साथ पुलिस ने जो व्यवहार किया है उसकी जांच भी होनी चाहिए.
उधर, प्रियंका के कार्यालय ने इस मामले में सीआरपीएफ के महानिदेशक को पत्र लिखकर इस मामले का संज्ञान लेने और कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. दरअसल, गांधी परिवार को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है उनके आसपास सीआरपीएफ जवानों का सुरक्षा घेरा होता है. सुष्मिता ने संवाददाताओं से कहा, हमने देखा कि लखनऊ में क्या हुआ. प्रियंका गांधी जी किसी भी जिम्मेदार विपक्षी नेता की तरह उन लोगों से मिलने जा रही थीं. जिन्होंने पुलिस के उत्पीड़न का सामना किया है. जब वह पूर्व पुलिस अधिकारी दारापुरी से मिलने जा रही थीं तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया. उन्होंने दावा किया, उनकी कार इस तरह से रोका गया कि प्रियंका जी का वाहन दुर्घनाग्रस्त हो जाता. उन्होंने रोकने का कारण पूछा.
मेरा मानना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रियंका जी के जीवन को जोखिम में डालने का काम किया. राज्य की पुलिस ने प्रियंका के साथ धक्का-मुक्की की. महिला पुलिस कर्मचारी ने उनके गले पर हाथ लगाया. बाद में जब प्रियंका गांधी दोपहिया वाहन से आगे बढ़ीं तो पुलिस ने उन्हें फिर रोक लिया. कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया, मैं अजय बिष्ट जी से पूछना चाहती हूं कि क्या वह उत्तर प्रदेश में गुंडाराज चला रहे हैं? क्या दो लोगों का दोपहिया वाहन पर जाना भी धारा 144 का उल्लंघन है? क्या उत्तर प्रदेश में बनाना रिपब्लिक चल रहा है? उन्होंने कहा, इस मामले की जांच होनी चाहिए. अब यह अच्छी तरह समझा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में आम लोगों के साथ क्या हो रहा है.
सुष्मिता ने कहा, उत्तर प्रदेश में 18 प्रदर्शनकारी मारे गये हैं और इनमें भी 12 लोगों की मौत गोली लगने से हुई है. अजय बिष्ट (योगी) को शर्म आनी चाहिए. यह सरकार बर्खास्त की जाये और उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सभी प्रदर्शनकारियों के साथ खड़ी है जो उत्पीड़न के बावजूद आवाज उठा रहे हैं. गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शनिवार को कथित तौर पर पुलिस के रोकने पर नये नागरिकता कानून के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी के घर पैदल ही पहुंच गयीं.
प्रियंका, प्रदेश मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद नये नागरिकता कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार किये गये सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी के परिजन से मुलाकात करने के लिए बाहर निकलीं. पुलिस द्वारा कथित तौर पर रोके जाने पर प्रियंका गांधी ने आपत्ति जतायी. उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस ने मुझे बेवजह रोका. मेरा गला दबाकर मुझे रोका गया.