दिल्ली की एक अदालत में 42 वर्षीय महिला ने बताया है कि उसकी सौतेली बहन के पति ने उसका 4 साल की उम्र से रेप किया और 10वीं कक्षा तक उसका तीन बार गर्भपात कराया गया. महिला के अनुसार, उसका अगस्त 2014 में तलाक हो गया था, जिसके बाद आरोपी उसे यौन संबंध बनाने के लिए परेशान करने लगा था.
महिला ने आरोप लगाया कि पहली बार 1981 में उसका यौन उत्पीड़न किया गया था, जब वह महज चार साल की थी. कक्षा दसवीं तक पहुंचने तक उसे तीन बार गर्भपात से गुजरना पड़ा.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उमेद सिंह ग्रेवाल ने यह कहते हुए आरोपी के खिलाफ आरोप तय किया कि प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता के तहत बलात्कार और आपराधिक धौंस पट्टी के कथित अपराधों का मामला बनता है, एक तरफ से पीड़िता का मामा है, तो दूसरी तरफ से उसकी सौतेली बहन का पति भी है.
महिला ने कहा कि उसने रिश्ते में मामा लगनेवाले इस व्यक्ति की हरकतों के बारे में अपनी मां और परिवार के अन्य सदस्यों को बताया, लेकिन कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया, उल्टे सबने उसे ही शिकायत करने को लेकर डांट दिया और उससे कहा कि वह यह बात किसी और को न बताये. उसने कहा कि बाद में उसकी सौतेली बहन की शादी उस व्यक्ति के साथ हुई जिसके बाद दोनों उसके ही घर में रहने लगे और वह उसे अब बराबर परेशान करने लगा था.
पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा कि 2016 में उसे अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने दिया गया और उससे कहा गया कि उसकी मां के आखिरी दर्शन करने के लिए आरोपी की मांग मान ले. महिला की यह भी शिकायत है कि आरोपी के बेटों और अन्य रिश्तेदारों ने उसे जान से मार डालने की धमकी दी.