मुंबई: मुंबई के एक रेलवे स्टेशन में यमराज नजर आए. पूरी वेशभूषा में. माथें पर सींग, काले कपड़े, एंठी हुई मूछें और हाथ में गदा. यमराज यहां पैदल चलकर रेलवे पटरी पार करने वाले लोगों को अपने कंधे पर उठाकर ले जाते दिखे. ये कोई चमत्कार या फिल्मी सीन नहीं था बल्कि पश्चिमी रेलवे का जागरूकता अभियान था. चलिए आपको पूरा मामला समझाते हैं.
पटरी पार करने वालों को सिखाया सबक
आप और हम अक्सर ये देखते हैं कि लोग रेलवे स्टेशनों या फिर किसी अन्य जगह पर ही धड़ल्ले से रेल की पटरियों से होते हुए प्लेटफॉर्म्स के बीच का रास्ता तय करते हैं. शहर के बीचों-बीच बने रेलवे फाटक पर भी ऐसे नजारे दिख जाते हैं जब लोग थोड़ा सा समय बचाने के लिए पैदल चलकर पटरी पार करते हैं.
Mumbai: Western Railway, with Railway Protection Force (RPF), is creating an awareness among people about the dangers of trespassing & crossing railway lines. A man costumed as ‘Yamraj’ is providing safety awareness info to people & intervening to stop them from walking on tracks pic.twitter.com/0qnXsUiHHC
— ANI (@ANI) November 8, 2019
रोजाना दर्जनों लोगों की मौत ऐसे हादसों में हो जाती है. लेकिन लोग नहीं समझते. रेलवे की तरफ से कई बार जागरूकता अभियान चलाया जाता है लेकिन हालत नहीं बदलते.
यमराज के जरिए लोगों में जागरूकता
पश्चिमी रेलवे ने मुंबई में पैदल चलकर पटरी पार करने वालों में जागरूकता पैदा करने के लिए बड़ा गांधीवादी तरीका निकाला. ना तो लोगों से जुर्माना वसूला गया और ना ही सख्ती दिखाई गई, बल्कि पटरियों पर सीधे यमराज को उतार दिया. यमराज पूरे दिन रेलवे स्टेशन में मौजूद रहे. जो भी आदमी पटरी पार करता दिखा, उसे अपने कंधो पर उठा लिया और किनारे ले आए. फिर रेलवे पुलिस के जवानों ने लोगों को समझाया.
संदेश कि, जिंदगी बहुत कीमती है आपकी
रेलवे का ये यमराज एक स्थानीय कलाकार था जिसने उनकी वेशभूषा धारण कर रखी थी. संदेश देने की कोशिश की गयी कि यदि आप अपना थोड़ा सा समय बचाने के चक्कर में इतनी बड़ी लापरवाही बरतते हैं तो संभवत मौत आपका इंतजार कर रही है. समझाने का प्रयास किया गया कि जहां रोजाना दर्जनों रेलगाड़ियां गुजरती हैं वहां लापरवाही बरत कर पटरियों के रास्ते प्लेटफॉर्म्स के बीच का फासला तय करना कितना खतरनाक हो सकता है.
पश्चिमी रेलवे द्वारा लोगों में जागरूकता लाने का ये यूनिक और गांधीवादी तरीका वाकई सराहनीय है. उम्मीद है कि लोग इससे सीखेंगे और चंद मिनट का समय बचाने के चक्कर में अपनी कीमती जिंदगी से समझौता नहीं करेंगे.