मुंबई : महाराष्ट्र में सत्ता के बंटवारे को लेकर शिवसेना के साथ चल रही खींचतान के बीच भाजपा विधायक दल का नेता चुने गये मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि गठबंधन के सहयोगी जल्द ही मिलकर राज्य में सरकार बनायेंगे. राज्य में सरकार बनाने के लिए ‘वैकल्पिक फॉर्मूले’ पर काम किये जाने की अफवाहों को उन्होंने ‘मनोरंजन’ करार दिया.
फडणवीस को एक बार फिर से बुधवार को राज्य के भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया. फडणवीस ने विधायक दल की बैठक में नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, महाराष्ट्र के मतदाताओं का जनादेश ‘महायुति’ (भाजपा-शिवसेना गठबंधन) के लिए है. इसलिए महायुति जल्द ही राज्य में अपनी सरकार बनाने जा रही है. उन्होंने कहा, हालांकि राज्य में सरकार बनाने के लिए वैकल्पिक फॉर्मूला के बारे में कई अफवाहें चल रही हैं, लेकिन यह मनोरंजन के अलावा कुछ नहीं है. फडणवीस ने उल्लेख किया कि 1995 के बाद, राज्य में किसी भी पार्टी ने 288 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 75 से अधिक सीटें नहीं जीतीं, लेकिन भाजपा ने 2014 में 122 सीटें और इस चुनाव में 105 सीटें हासिल की है.
विधायक दल की बैठक में फडणवीस को सदन के नेता के रूप में चुनने के लिए प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, पिछले पांच वर्षों में, भाजपा का कोई भी गुट कभी दिल्ली नहीं गया और न ही फडणवीस को हटाने का अनुरोध किया. पाटिल ने कहा, पिछले पांच वर्षों में राज्य में विरोध हुए, लेकिन किसी ने भी नहीं कहा कि फडणवीस को इस्तीफा देना चाहिए. यह उनके कौशल और राज्य भर में उनकी स्वीकार्यता को दर्शाता है. गौरतलब है कि राज्य में सरकार बनाने के समीकरण को लेकर भाजपा और शिवशेना के बीच खींचतान चल रही है.
विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे दावा कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सत्ता साझेदारी के 50:50 फॉर्मूले पर सहमत हुए थे. हालांकि, फडणवीस ने मंगलवार को इस बात से इनकार किया था कि सत्ता में साझीदारी के फार्मूले के तहत शिवसेना को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने का कोई आश्वासन दिया गया था. उल्लेखनीय है 21 अक्तूबर को राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी. वहीं, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली.