चेन्नई: दो साल का मासूम सुजीत विल्सन जिंदगी की जंग हार गया. तीन दिन तक कोशिश चली कि उसे गहरे बोरवेल में से सकुशल जिंदा बाहर निकाल लिया जाए लेकिन सारा प्रयास असफल रहा. 80 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक 100 फीट गहरे बोरवेल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद सुजीत विल्सन की सांसे थम गईं और इसी के साथ थम गयी लाखों लोगों की उम्मीद भी जो उस मासूम की सलामती की दुआ मांग रहे थे.
80 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक चले ऑपरेशन
लगातार 80 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी सुजीत को नहीं बचाया जा सका. सोमवार रात को दो साल के सुजीत विल्सन का शव बोरवेल से बाहर निकाला गया. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मियों ने सड़ी-गली हालत में बच्चे का शव निकाला. सबसे पहले शव को अस्पताल ले जाया गया जहां बच्चे को पोस्टमॉर्टम हुआ. इसके बाद शव को नादुकट्टुपट्टी स्थित उसके घर ले जाया गया और फिर अंतिम संस्कार के लिए पुडूर ले जाया गया.
https://twitter.com/ANI/status/1188994020560629765?ref_src=twsrc%5Etfw
बोरवेल से निकाला गया सड़ा-गला शव
इस संबंध में जानकारी देते हुए परिवहन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी जे राधाकृष्णन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हमने लगातार प्रयास किया कि सुजीत विल्सन को सकुशल बाहर निकाला जा सके लेकिन आखिरकार सोमवार की शाम से उस बोरवेल में से भयानक बदबू आने लगी. इसी के साथ बच्चे की सकुशल वापसी की सारी उम्मीदें धूमिल हो गयीं. जे राधाकृष्णन ने बताया कि हम लगातार 80 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक प्रयास करते रहे लेकिन सफल नहीं हो पाए.
25 अक्टूबर को बोरवेल में गिरा था सुजीत
घटना के संबंध में आपको बता दें कि 25 अक्टूबर की शाम नादुकट्टूपट्टी में दो साल का सुजीत अपने घर के पास ही खेल रहा था. उसी समय शाम तकरीबन साढ़े पांच बजे वो पास ही मौजूद गहरे बोरवेल में जा गिरा. पहले वो 25 फीट की गहराई में फंसा था लेकिन जब रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ तो फिसलकर 100 फीट की गहराई तक गिर गया. यहीं से उसको बचाने की मुहिम मुश्किल हो गयी थी. हालांकि लाखों लोग उसकी सलामती की दुआ मांग रहे थे.
गौरतलब है कि सुजीत विल्सन को बचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, तमिलनाडु पुलिस और मदुरै अग्निशमन विभाग लगा हुआ था. तमिलनाडू के उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम पूरे अभियान को निजी तौर पर मॉनिटर कर रहे थे. उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात भी की.
रजनीकांत-कमल हासन ने मांगी थी दुआ
दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत, कमल हासन आदि ने भी बच्चे की सलामती की दुआ मांगी थी. वहीं अभिनेता कमल हासन ने तो इसके लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा कि सरकारें पहले की घटनाओं से कोई सबक नहीं लेती है. कमल हासन ने कहा था कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.