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चांद की चौखट पर चंद्रयान, आज देर रात होगी लैंडिंग

बेंगलुरु : चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ शनिवार तड़के डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा. ‘विक्रम’ के अंदर रोवर ‘प्रज्ञान’ होगा, जो शनिवार सुबह साढ़े पांच से साढ़े छह बजे के बीच लैंडर के भीतर से बाहर निकलेगा. लैंडर के चांद पर उतरने से पहले इसरो ने एक […]

बेंगलुरु : चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ शनिवार तड़के डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा. ‘विक्रम’ के अंदर रोवर ‘प्रज्ञान’ होगा, जो शनिवार सुबह साढ़े पांच से साढ़े छह बजे के बीच लैंडर के भीतर से बाहर निकलेगा. लैंडर के चांद पर उतरने से पहले इसरो ने एक वीडियो के माध्यम से समझाया कि ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कैसे होगी.
अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ सुनिश्चित करने के लिए मशीन में तीन कैमरे-लैंडर पोजीशन डिटेक्शन कैमरा, लैंडर होरिजोंटल विलोसिटी कैमरा और लैंडर हजार्डस डिटेक्शन एंड अवोयडेंस कैमरा लगे हैं. इसके साथ दो के ए बैंड-अल्टीमीटर-1 और अल्टीमीटर-2 हैं. लैंडर के चांद की सतह को छूने के साथ ही इसरो चेस्ट, रंभा और इल्सा नाम के तीन उपकरणों की तैनाती करेगा.
आज रात चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचेगा चंद्रयान-2, जहां नहीं पड़े किसी के कदम, आज वहां पहुंचेंगे हम
रांची : सबकी धड़कनें तेज हैं. क्योंकि करीब डेढ़ महीने पहले चांद के सफर पर निकला चंद्रयान-2 इतिहास रचने से चंद घंटे की दूरी पर है. आज रात 1:30 से दो बजे के बीच लैंडर चांद पर उतरेगा. इस पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं. हर कोई इस उपलब्धि का गवाह बनने का इंतजार कर रहा है.
चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा. इस एेतिहासिक घटना का आप लाइव टेलीकास्ट देख सकेंगे. इसरो की वेबसाइट isro.gov.in पर एससीसी बेंगलुरु से अपडेट दिया जायेगा. पीआइबी के यूट्यूब चैनल पर भी लाइव वीडियो स्ट्रीम किया जायेगा.
एचइसी में बना है चंद्रयान-2 का लांचिंग पैड
चंद्रयान-2 के सफल परीक्षण में एचइसी की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. एचइसी में मोबाइल लांचिंग पैड, टावर क्रेन, हॉरिजेंटल स्लाइडिंग डोर, 400 टन इओटी क्रेन और फोल्डिंग कम वर्टिकल प्लेटफाॅर्म बनाया गया था.
मोबाइल लांचिंग पैड की डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और इरेक्शन का काम हुआ है. इसका वजन 800 टन है, जो आठ भाग में बनाया गया है. 10 टन टावर क्रेन की ऊंचाई 80 मीटर और हॉरिजेंटल स्लाइडिंग डोर की ऊंचाई 47 मीटर थी. इन सभी उपकरणाें को बनाने में स्पेशल स्टील का प्रयोग किया गया है, जो अधिक ताप को भी आसानी से झेल सकता है.
यह है रोवर प्रज्ञान
चंद्रयान-2 के रोवर का नाम प्रज्ञान है. यह पहियों वाला रोबोट वाहन है. यह 500 मीटर तक यात्रा कर सकता है. रोवर का वजन 27 किलोग्राम है. यह सिर्फ लैंडर के साथ संवाद कर सकता है. रोवर चंद्रमा की सतह पर पहियों के सहारे चलेगा.
विक्रम लैंडर
चंद्रयान 2 के लैंडर का नाम डॉ विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया है. यह एक चंद्र दिन के लिए कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसके पास आइडीएसएन के साथ-साथ ऑर्बिटर और रोवर के साथ संवाद करने की क्षमता है.
ऑर्बिटर
ऑर्बिटर 100 किमी की ऊंचाई पर चंद्रमा की परिक्रमा करेगा. ऑर्बिटर का मिशन जीवन एक वर्ष है और इसे 100 गुणा 100 किमी लंबी चंद्र ध्रुवीय कक्षा में रखा जायेगा.

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