14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में मंगलवार को पांचवें दिन सुनवाई

नयी दिल्ली : राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय में हो रही महत्वपूर्ण सुनवाई मंगलवार को पांचवें दिन में प्रवेश करेगी. अयोध्या में संपूर्ण विवादित भूमि 2.77 एकड़ पर दावा करने वाले राम लला विराजमान की ओर से मंगलवार को आगे बहस शुरू की जायेगी. प्रधान न्यायाधीश […]

नयी दिल्ली : राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय में हो रही महत्वपूर्ण सुनवाई मंगलवार को पांचवें दिन में प्रवेश करेगी. अयोध्या में संपूर्ण विवादित भूमि 2.77 एकड़ पर दावा करने वाले राम लला विराजमान की ओर से मंगलवार को आगे बहस शुरू की जायेगी.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ इस समय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही है. संविधान पीठ के समक्ष मंगलवार की सुनवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्येांकि शुक्रवार को न्यायालय ने राम लला विराजमान की ओर से बहस कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरन से जानना चाहा था कि क्या ‘रघुवंश’ राजघराने से कोई अभी भी वहां (अयोध्या) में रहता है. परासरन हालांकि तत्काल इस सवाल का कोई जवाब नहीं दे सके, लेकिन जयपुर राजघराने की सदस्य और भाजपा सांसद दिया कुमारी ने रविवार को दावा किया कि उनका परिवार भगवान राम के पुत्र कुश के वंश से है. इस प्रकरण की सुनवाई कर रही संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.

राजस्थान के राजसमंद से सांसद दिया कुमारी ने कहा, न्यायालय ने जानना चाहा है कि भगवान राम के वंश के लोग कहां हैं? हमारे परिवार, जो उनके पुत्र कुश के वंशज हैं, सहित पूरी दुनिया में भगवान राम के वंश के लोग हैं. उन्होंने कहा कि भगवान राम के वंशज दुनिया भर में हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या विवाद जल्द हल होना चाहिए. शीर्ष अदालत इस समय अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि इस प्रकरण के तीनों पक्षकारों (सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला) के बीच बराबर बराबर बांटने का निर्देश देने संबंधी उच्च न्यायलय के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही है. इस मामले की चौथे दिन की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने परासरन से जानना चाहा था कि इस मामले में मुद्दई के रूप में ‘जन्म स्थान’ को एक कानूनी तौर पर व्यक्ति कैसे माना जा सकता है, इसके जवाब में वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा था कि हिंदुत्व में किसी स्थान को मंदिर मानने के लिये वहां देवता की मूर्ति होना जरूरी नहीं है.

उन्होंने कहा था कि हिंदू किसी एक रूप में ईश्वर की अराधना नहीं करते हैं, बल्कि वे ऐसे दैवीय अवतरण की पूजा करते हैं जिसका कोई स्वरूप नहीं है. इस विवाद को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने में सफलता नहीं मिलने के बाद न्यायालय छह अगस्त से इसकी रोजाना सुनवाई कर रहा है. हालांकि, मुस्लिम पक्षकार एम सिद्दीक और आॅल इंडिया सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सप्ताह के सभी पांच कार्य दिवसों पर इसकी सुनवाई किये जाने पर आपत्ति की थी, लेकिन संविधान पीठ ने इसे अस्वीकार कर दिया. संविधान पीठ ने सिद्दीक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन को यह भरोसा जरूर दिलाया कि उन्हें बहस की तैयारी के लिए सप्ताह के बीच में विश्राम देने पर विचार किया जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें