श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को कहा कि राज्य के विशेष दर्जे पर कोई बड़ा निर्णय होने के बारे में अफवाहों की तरफ लोगों को ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि सब कुछ सामान्य है.
कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था की संभावना को लेकर सोशल मीडिया पर कई आदेश दिखने के बारे में पूछने पर राज्यपाल मलिक ने कहा, यहां काफी अफवाहें फैलायी जा रही हैं, उन पर ध्यान नहीं दें. सब कुछ ठीक है, सब कुछ सामान्य है. मलिक ने कहा कि हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर दिख रहे आदेश वैध नहीं हैं. उन्होंने कहा, कोई भी आदेश वैध नहीं है. लाल चौक पर अगर कोई छींकता भी है तो राज्यपाल भवन तक पहुंचते-पहुंचते इसे बम विस्फोट बता दिया जाता है. घाटी में केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैनिक बलों की सौ कंपनियां भेजे जाने के केंद्र सरकार के आदेश के बाद से घाटी में अफवाहों का बाजार गर्म है.
इस तरह की अफवाह है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 35-ए को वापस ले सकती है जो राज्य के लोगों के विशेष निवास और नौकरी के अधिकारों से जुड़ा हुआ है. पिछले तीन दिनों से राज्य सरकार के अधिकारियों और केंद्र सरकार के कुछ विभागों की तरफ से जारी कई आदेशों से आशंकाएं जतायी जा रही हैं कि जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई बड़ा निर्णय होने वाला है. रेलवे सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने जहां अपने कर्मचारियों को आदेश दिया कि कानून-व्यवस्था खराब होने की आशंका के मद्देनजर चार महीने के लिए राशन जमा कर लें, वहीं श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पांच पुलिस अधीक्षकों को अपने क्षेत्रों में सभी मस्जिदों और उनकी प्रबंधन समितियों का ब्योरा इकट्ठा करने और इसे तुरंत सौंपने का निर्देश दिया ताकि उसे उच्चाधिकारियों को भेजा जा सके. रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी का जहां सोमवार को तबादला कर दिया गया, वहीं एसएसपी ने कहा कि मस्जिदों के बारे में सूचना इकट्ठा करना नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है.