नयी दिल्ली : भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को फंसाने के तथाकथित बड़े षडयंत्र की सच्चाई का पता लगाने के लिए सोमवार को उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एके पटनायक ने कहा कि उन्होंने खुफिया एजेंसियों सीबीआई और आईबी तथा दिल्ली पुलिस से कुछ और सूचनाएं मंगवायी हैं.
उच्चतम न्यायालय ने सनसनीखेज आरोपों की जांच के लिए न्यायमूर्ति पटनायक को नियुक्त किया था. इन आरोपों में पीठों की फिक्सिंग के आरोप भी शामिल हैं. एक वकील ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय में बड़े षडयंत्र चल रहे हैं. उत्सव बैंस ने ये आरोप तब लगाये थे जब उच्चतम न्यायालय प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की सुनवाई कर रहा था जिसमें तीन सदस्यीय जांच समिति ने कोई तथ्य नहीं पाया था. न्यायमूर्ति पटनायक ने ओड़िशा के कटक से फोन पर बताया कि जांच में कुछ और समय लगेगा क्योंकि सच्चाई का पता लगाने के लिए उन्हें कुछ और दस्तावेजों को पढ़ना होगा. जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने की संभावना से इनकार करते हुए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने दस्तावेजों का अध्ययन किया है, लेकिन सुराग का पता लगाने में उन्हें कुछ और दस्तावेज चाहिए.
न्यायमूर्ति पटनायक ने कहा कि वह अपने गृह नगर में छुट्टियां मना रहे हैं और जुलाई में दिल्ली लौटने पर जांच का काम फिर से देखेंगे. उन्होंने कहा, तीनों सीबीआई, आईबी और दिल्ली पुलिस आयुक्त से मुझे कुछ और सामग्री मंगानी होगी क्योंकि उनसे मिली सामग्री के बाद कुछ और सामग्रियों की जरूरत है. उन्होंने कहा, मुझे देखना होगा कि क्या सुराग मिलता है. इस बारे में कुछ पुख्ता है या नहीं. अगर पुष्टि नहीं होती है तो मुझे अलग विचार अपनाना होगा. अगर और सामग्री आती है तो मुझे उसे पढ़ना होगा. बहरहाल, आरोपों पर उन्होंने प्रथम दृष्टया अपने विचार प्रकट करने से इनकार कर दिया.
न्यायमूर्ति पटनायक ने कहा, मैंने सीबीआई, आईबी और दिल्ली पुलिस से कुछ और सामग्रियां मंगायी हैं. उन्होंने सामग्रियां भेज दी हैं और मैंने उन्हें देखा है. उन्होंने कहा, मैं हर चीज मीडिया को नहीं बता सकता. मैं बंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपूंगा. अगर मैं हर चीज मीडिया को बताने लगा तो सारे गवाह हट जायेंगे. उन्होंने कहा, मुझे सच्चाई पता करनी है. जब तक मैं सच्चाई का पता नहीं लगा लेता, मैं रिपोर्ट नहीं दे सकता. रिपोर्ट बनाने में कुछ वक्त लगेगा.