लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के बिगड़े बोल पर चुनाव आयोग का एक्शन
नयी दिल्ली : चुनाव कोई भी हो, प्रचार के दौरान नेताओं की जुबान फिसलती है या फिर वे कुछ भड़काऊ बयान दे देते हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव में भी ऐसे कई मौके आये, जब फायर ब्रांड नेताओं के अलावा पीएम मोदी और राहुल गांधी तक पर गलतबयानी और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप लगे. विपक्ष ने चुनाव आयोग को केंद्र सरकार के इशारे पर काम करनेवाला भी बताया. हालांकि, इस बीच आयोग ने राहुल गांधी को भी कुछ मामलों में क्लीन चिट दी थी. आइए, जानें उन प्रमुख मामलों के बारे में जो चुनाव आयोग तक पहुंचे.
आयोग ने राहुल से एक मामले में मांगी सफाई
नरेंद्र मोदी, पीएम
21 अप्रैल को सेना के नाम पर वोट मांगने, 23 अप्रैल को वोटिंग के दिन रोडशो करने, 25-26 अप्रैल को सेना पर बयान तथा 9 अप्रैल को पुलवामा आतंकी हमले का हवाला देकर वोट मांगने के मामलों में चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चीट दिया. 23 अप्रैल को एयर स्ट्राइक के नाम पर वोट मांगने के मामले में भी उन्हें क्लीन चिट मिल गया है.
राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल गांधी को 12 मार्च को अहमदाबाद में रैली करने, 8 अप्रैल के विज्ञापन और 23 अप्रैल को अमित शाह को मर्डर कहने के मामले में चुनाव आयोग ने क्लीन चिट दे दिया, मगर 23 अप्रैल को पीएम मोदी पर आदिवासी विरोधी कानून बनाने के आरोप पर आयोग ने अब तक क्लीन चिट नहीं दी है. उनसे सफाई मांगी गयी है.
अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष
अमित शाह ने 22 अप्रैल को सेना को मोदी की सेना बताया था. इस मामले में उन्हें तीन मई को क्लीन चिट मिल गया. 23 अप्रैल को वोटिंग के दौरान इंटरव्यू के मामले में भी उन्हेंे आरोप मुक्त कर दिया गया.
इन नेताओं पर आयोग लगा चुका है प्रतिबंध
आजम खान : हेट स्पीच को लेकर इन पर चुनाव आयोग ने दो बार प्रतिबंध लगाया. पहली बार 30 अप्रैल को 48 के लिए और दूसरी बार घंटे की लगायी रोक. 48 घंटे और दूसरी बार 15 अप्रैल को 72 घंटे के लिए प्रतिबंधित किया गया. उन्होंने जया प्रदा पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके लिए देशभर में उनकी निंदा हुई थी.
आदित्यनाथ : योगी आदित्यनाथ पर 9 अप्रैल को धार्मिक आधार पर वोट मांगने का आरोप लगा. आयोग ने 15 अप्रैल को उन पर 72 घंटे प्रचार न करने का प्रतिबंध लगाया.
मेनका गांधी : मेनका गांधी पर 11 अप्रैल को धार्मिक आधार पर वोट मांगने का आरोप लगा. आयोग ने 15 अप्रैल को उन पर 48 घंटों का प्रतिबंध लगाया.
नवजोज सिंह सिद्धू : सिद्धू पर 15 अप्रैल को धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगा. 22 अप्रैल को चुनाव आयोग ने उन पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगाया.