18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जानिए क्‍यों खतरनाक है लेजर गाइडेड बम ‘सुदर्शन’, पीओके में आतंकी ठिकानों को इसी ने किया ध्वस्त

पीओके में जैश के आतंकी ठिकानों पर जिस लेजर गाइडेड बम से हमला किया गया, वह भारत का ‘सुदर्शन’ है. इसे भारत ने अक्तूबर, 2000 में तैयार किया था. यह बम आइआरडीइ द्वारा डीआरडीओ की लैब में तैयार किया गया है. यह बम बेहद घातक है. यह देश का पहला पूरी तरह से स्वदेशी लेजर […]

पीओके में जैश के आतंकी ठिकानों पर जिस लेजर गाइडेड बम से हमला किया गया, वह भारत का ‘सुदर्शन’ है. इसे भारत ने अक्तूबर, 2000 में तैयार किया था. यह बम आइआरडीइ द्वारा डीआरडीओ की लैब में तैयार किया गया है. यह बम बेहद घातक है. यह देश का पहला पूरी तरह से स्वदेशी लेजर गाइडेड बम है. हालांकि, भारत ने इसका इस्तेमाल पहली बार 1999 में करगिल युद्ध के दौरान किया था.
सिर्फ टारगेट पर हमला
यह बम सटीक लक्ष्य को साधने में माहिर है. यह बम सिर्फ टारगेट को ही ध्वस्त करता है. 1000 किलो वजनी इस बम की लागत करीब तीस लाख रुपये से अधिक है. मिराज जैसा फाइटर विमान दो बम ले जाने में सक्षम है. यह बम हवाई रनवे, पुल, विमानों के हैंगर के अलावा बहुत मजबूत लक्ष्यों को आसानी से भेद सकता है.
13 किमी की दूरी तक जाकर हमला कर सकता है विमान से छोड़े जाने के बाद
अमेरिका ने वियतनाम युद्ध में लेजर गाइडेड बम का किया था इस्तेमाल
लेजर गाइडेड बमों का पहला इस्तेमाल अमेरिकी सेना ने 1968 में वियतनाम
युद्ध के दौरान किया था. उसने इसे 1960 के दशक में बनाया था.
क्यों खतरनाक है यह बम
लेजर तकनीक अंधेरे में लक्ष्य की रोशनी को ट्रेस करती है और फिर सिग्नल के जरिये दिशा और दूरी तय की जाती है. इसे खासतौर से वायुसेना के लिए ही बनाया गया है. आयरन बम को लेजर गाइडेड बम किट की मदद से एक बड़े हथियार के रूप में बदला जा सकता है. लेजर गाइडेड बम में सेमी एक्टिव लेजर का इस्तेमाल किया जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें