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VHP अध्यक्ष ने कहा, राम मंदिर मामले में मोदी सरकार की नीयत पर संदेह नहीं

इंदौर : आगामी लोकसभा चुनावों से पहले अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण का मुद्दा सियासी रूप से गरमाने के बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक शीर्ष नेता ने सोमवार को कहा कि उनके पास इस मामले में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीयत पर संदेह का कोई […]

इंदौर : आगामी लोकसभा चुनावों से पहले अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण का मुद्दा सियासी रूप से गरमाने के बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक शीर्ष नेता ने सोमवार को कहा कि उनके पास इस मामले में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीयत पर संदेह का कोई कारण नहीं है. उन्होंने यह दावा भी किया कि भाजपा देश की इकलौती सियासी पार्टी है जो अयोध्या में राम मंदिर बनवाना चाहती है.

विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा, पिछले साढ़े चार साल में राम मंदिर निर्माण की राह प्रशस्त नहीं होने से लोगों के मन में आक्रोश है. इस विलंब से हम भी नाराज हैं, लेकिन हमारे पास इस मामले में केंद्र सरकार की नीयत पर शक करने का कोई कारण नहीं है. मध्यप्रदेश और राजस्थान के उच्च न्यायालयों के पूर्व न्यायाधीश ने कहा, हम कतई नहीं बोल सकते कि सरकार जान-बूझकर राम मंदिर नहीं बनवा रही है या यह मंदिर बनवाने की उसकी कोई इच्छा नहीं है. कोकजे के मुताबिक, उन्हें पता चला है कि सरकार को कानूनी सलाह मिली है कि अगर वह अयोध्या में राम मंदिर की राह प्रशस्त करने के लिए कोई अध्यादेश या कानून पारित करा भी लेती है, तो संबंधित अध्यादेश या कानून को अदालत में चुनौती दी जा सकती है. नतीजतन इस आशंकित चुनौती से अयोध्या विवाद के निराकरण में और देरी हो सकती है.

उन्होंने केंद्र सरकार की अगुवा भाजपा को एकमात्र हिंदू हितैषी सियासी पार्टी बताया. आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राम मंदिर मुद्दे को सियासी तूल दिये जाने पर विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, भाजपा ने राम मंदिर को लेकर हिंदुओं को जो आश्वासन दिया है, उससे पलटने में उसे आगामी चुनावों में कोई लाभ नहीं होने वाला है. लेकिन, भाजपा नीत केंद्र सरकार के मौजूदा कार्यकाल में अगर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाता है, तो इस दल को जाहिर तौर पर चुनावी फायदा ही होगा. हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल ने एक सवाल पर कहा कि जिस तरह कुछ विघ्नसंतोषी तत्व अयोध्या विवाद की शीर्ष अदालत में लंबित सुनवाई में शुरुआत से कानूनी दांव-पेंचों के जरिये रोड़े अटका रहे हैं, उसे देखते हुए इसकी संभावना बेहद कम लगती है कि अप्रैल-मई में प्रस्तावित लोकसभा चुनावों से पहले मामले में फैसला आ जाये.

उन्होंने हालांकि उम्मीद जतायी कि अगर आने वाले दिनों में शीर्ष अदालत में अयोध्या विवाद के मामले में लगातार सुनवाई होती है, तो इसी साल नवंबर तक प्रकरण में फैसला आ सकता है. उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा एक निजी टेलीविजन चैनल को दिये इंटरव्यू में राम मंदिर मसले का समाधान महज 24 घंटे के भीतर निकाल सकने के दावे पर कोकजे ने कहा, योगीजी ने यह बात कुछ सोच कर ही कही होगी. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि उनके पास इस मसले (अयोध्या विवाद) का क्या समाधान है? मेरी जब उनसे इस बारे में चर्चा होगी, तब ही मैं उनके इस बयान के बारे में कुछ कह सकूंगा.

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