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सर्वर से डेटा डिलीट करेगा मास्टरकार्ड करोड़ों लोगों की कार्ड सुरक्षा खतरे में, जानें

मास्टर कार्ड इंडिया के प्रभारी पौरुष ने दी जानकारी नयी दिल्ली : वैश्विक स्तर पर पेमेंट सर्विस प्रदान करनेवाली कंपनी अमेरिकी कंपनी मास्टरकार्ड ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कहा है कि वह एक ‘निश्चित तिथि’ से भारतीय कार्डधारकों की सूचनाओं (डेटा) को ग्लोबल कंप्यूटर-सर्वर से डिलीट करने जा रही है. अगर ऐसा हुआ, तो […]

मास्टर कार्ड इंडिया के प्रभारी पौरुष ने दी जानकारी
नयी दिल्ली : वैश्विक स्तर पर पेमेंट सर्विस प्रदान करनेवाली कंपनी अमेरिकी कंपनी मास्टरकार्ड ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कहा है कि वह एक ‘निश्चित तिथि’ से भारतीय कार्डधारकों की सूचनाओं (डेटा) को ग्लोबल कंप्यूटर-सर्वर से डिलीट करने जा रही है.
अगर ऐसा हुआ, तो करोड़ों लोगों की क्रेडिट व डेबिट कार्ड की सुरक्षा खतरे में आ सकती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत मंे वीजा और मास्टरकार्ड के यूजर्स की संख्या करीब 90 करोड़ बतायी जा रही है.
मास्टरकार्ड, इंडिया एंड और दक्षिण एशिया प्रभाग के प्रभारी पौरुष सिंह ने कहा कि मास्टर कार्ड 200 से अधिक देशों में परिचालन करती है, लेकिन भारत के अलावा किसी देश ने उसे नागरिकों से संबंधित सूचनाओं को डिलीट करने के लिए नहीं कहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने अप्रैल में नये नियम जारी किये थे जिसमें पेमेंट कंपनियों को भारतीय नागरिकों के लेनदेन से जुड़े सभी आंकड़े भारत में बने डाटा-कलेक्शन सेंटर में ही रखना जरूरी कर दिया गया है.
कंपनियों के लिए यह नियम 16 अक्तूबर से लागू है. मास्टकार्ड ने कहा है कि सभी भारतीय के नये लेनदेन से जुड़े आंकड़ों को छह अक्तूबर से पुणे के टेक्निकल सेंटर में स्टोर किया जा रहा है. भारत के पेमेंट सर्विस में मास्टर कार्ड और वीजा की सबसे अधिक हिस्सेदारी है.
भारतीयों के एटीम व डेबिट कार्ड की सुरक्षा में आ सकती है कमी
कार्ड नंबर, लेन-देन की जानकारी सब होगी डिलीट
मास्टर कार्ड इंडिया के प्रभारी पौरुष सिंह ने कहा कि आरबीआइ को जो प्रस्ताव दिया गया है कि उसमें कहा गया है कि हम सभी जगह से डेटा हटाना शुरू कर देंगे, चाहे वो कार्ड नंबर हो या लेनदेन से जुड़ी जानकारियां हों.
आंकड़ों को केवल भारत में स्टोर किया जायेगा. हम आंकड़े डिलीट करना शुरू कर देंगे. सिंह ने कहा कि आंकड़ों को हटाना ‘बटन दबाने’ जितनी आसान प्रक्रिया नहीं है, क्यों कि लोग आप पर दंड लगा सकते हैं. लेनदेन में विवाद जैसी स्थिति हो सकती है. हमने आरबीआइ को प्रस्ताव दे दिया है. उसके जवाब का इंतजार कर रहे हैं.
14 लाख करोड़ रुपये से कम है भारत का पेमेंट मार्केट वर्तमान में
90 करोड़ भारतीयों के पास है वीजा और मास्टर कार्ड का क्रेडिट और डेबिट कार्ड
7000 करोड़ का निवेश करेगा मास्टर कार्ड ने 2014-19 के बीच
जनवरी 2018 में भारत में डेबिट व क्रेडिट कार्ड की संख्या
36.2 मिलियन क्रेडिट कार्ड
846.7 मिलियन डेबिट कार्ड
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