नयी दिल्ली : अपनी मांगों को लेकर किये जा रहे दो दिवसीय प्रदर्शन के तहत देश के अलग-अलग हिस्सों से किसान बृहस्पतिवार को यहां इकट्ठा हुए. प्रदर्शनकारी किसान कर्ज में राहत और अपने उत्पादों के लिए उचित कीमत की मांग कर रहे हैं.
बृहस्पतिवार को रामलीला मैदान और शुक्रवार को संसद मार्ग तक मार्च के लिए आये किसान बंगाल, बिहार, आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे हैं. आनंद विहार, निजामुद्दीन और बिजवासन रेलवे स्टेशनों एवं सब्जी मंडी से चल कर चार अलग-अलग मार्गों से किसान जब रामलीला मैदान की ओर बढ़े तो कई जगहों पर ट्रैफिक बाधित हुआ. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसान ट्रेनों, बसों एवं अन्य परिवहन माध्यमों से दिल्ली पहुंचे. एआईकेएससीसी किसानों एवं खेतिहर कामगारों के 207 संगठनों की संयुक्त संस्था होने का दावा करता है.
किसानों के नेताओं ने बताया कि दिल्ली, पंजाब एवं हरियाणा के किसान सुबह साढ़े दस बजे इकट्ठा होना शुरू हो गये. अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) की दिल्ली इकाई की पदाधिकारी कमला ने बताया कि नजदीकी इलाकों के किसान दिल्ली के बाहरी इलाके में स्थित मजनूं का टीला में इकट्ठा हुए और वहां से वे समूहों में रामलीला मैदान की तरफ बढ़ रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसान शाम तक रामलीला मैदान पहुंच सकते हैं. उन्हें करीब एक लाख किसानों के रामलीला मैदान पहुंचने की उम्मीद है. नेशनल साउथ इंडियन रीवर इंटर-लिंकिंग एग्रीकल्चरलिस्ट्स असोसिएशन के करीब 1,200 सदस्य खुदकुशी कर चुके अपने दो साथियों के कंकाल लेकर बृहस्पतिवार की तड़के राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे. उनके नेता पी अय्याकन्नू ने यह जानकारी दी.
तमिलनाडु से आये किसानों के समूह ने धमकी दी कि यदि शुक्रवार को उन्हें संसद नहीं जाने दिया गया तो वे नग्न प्रदर्शन करेंगे. एआईकेएससीसी ने कहा है कि दो दिवसीय मार्च दिल्ली में किसानों का सबसे बड़ा प्रदर्शन होगा. बृहस्पतिवार को रामलीला मैदान में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा, जिसमें ग्रामीण भारत के कई जानेमाने गायक एवं कवि प्रस्तुति देंगे. पुलिस ने बताया कि उसने शुक्रवार की रैली के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये हैं. स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव और जानेमाने वकील प्रशांत भूषण ने किसानों के प्रति समर्थन व्यक्त किया है.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के महासचिव अवीक शाहा और योगेंद्र यादव की अगुवाई में किसानों ने दक्षिण पश्चिम दिल्ली के बिजवासन से किसान मुक्ति यात्रा शुरू की. यात्रा के प्रबंधक आशुतोष ने बताया कि लगभग दो बजे हजारों किसानों का हुजूम धौलाकुंआ पहुंच गया था. इसमें स्वराज इंडिया से जुड़े बंगाल, बिहार, ओड़िशा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के किसान शामिल हैं. नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम की ओर से भी किसानों के समूह पैदल और वाहनों से रामलीला मैदान पहुंच रहे हैं. फरीदाबाद की ओर आश्रम होते हुये रामलीला मैदान पहुंच रही किसान मुक्ति यात्रा की अगुवाई सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और पी साईनाथ कर रहे हैं. पाटकर ने बताया कि अगले साल लोकसभा चुनाव में मंदिर मस्जिद से बड़ा चुनावी मुद्दा किसानों की समस्या होगी. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इससे ध्यान हटाने के लिये ही जनहित से जुड़े मामलों की बजाय गैरजरूरी मुद्दों को हवा दे रही है.
इस दौरान साईनाथ ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को राफेल घोटाले से बड़ा घोटाला बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ कारपोरेट जगत के हितों के लिए काम कर रही है. सरकार को किसानों के संकट की परवाह नहीं है. किसान आंदोलन के समर्थन में ‘नेशन फॉर फार्मर’ मुहिम के संयोजक साईनाथ ने कहा कि कारोबार जगत के हित में सरकार जीएसटी के नाम आधी रात को संसद का विशेष सत्र आहूत करती है, लेकिन कृषि संकट पर विशेष सत्र की किसानों की मांग पर संज्ञान लेने तक का सरकार के पास वक्त नहीं है.