नयी दिल्ली : सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा के साथ अभूतपूर्व विवाद से जुड़े विशेष निदेशक राकेश अस्थाना अपनी शक्तियां छीने जाने और उन्हें छुट्टी पर भेजने के केंद्र के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय पहुंचे. उन्होंने खुद के ‘व्हिसल ब्लोअर’ होने का दावा किया.
अस्थाना ने अपनी याचिका में सीबीआई निदेशक को उनके पद से हटाने का आग्रह भी किया है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ जब वर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, तो अस्थाना के वकील ने उनके द्वारा दायर याचिका की तरफ अदालत का ध्यान आकृष्ट किया. पीठ ने हालांकि कहा कि वह किसी मौखिक अभिवेदन पर कोई सुनवाई नहीं कर सकती क्योंकि अस्थाना की याचिका उसके समक्ष नहीं है. इसने कहा, हम ऐसी चीज पर सुनवाई नहीं कर सकते जो हमारे समक्ष नहीं है. अस्थाना की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि याचिका रजिस्ट्री के समक्ष दायर की गयी है और मांग की कि इसे 28 अक्तूबर के लिए सूचीबद्ध किया जाना चाहिए. पीठ ने कहा, हम देखेंगे.
अस्थाना ने याचिका में आग्रह किया है कि उनकी शक्तियां छीनने और उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के 23 अक्तूबर के आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए. अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी के जरिये दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि यह अस्थाना थे जिन्होंने सीबीआई निदेशक के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से संपर्क कर ‘व्हिसल ब्लोअर’ के रूप में काम किया.