अहमदाबाद : भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सीबीआई निदेशक एक ईमानदार अधिकारी हैं जो भ्रष्टाचार पर लगाम कसने का अच्छा काम कर रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से वर्मा के विरुद्ध उठाये गये कदम पर पुनर्विचार करने को कहा.
स्वामी ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री पर पूर्ण विश्वास है. किंतु उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके आसपास के लोग मोदी के साथ-साथ भाजपा के हितों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच मतभेद चल रहे थे तथा सरकार ने मंगलवार रात्रि को उनके सारे अधिकार लेते हुए उन्हें अवकाश पर भेज दिया. एक कार्यक्रम में यहां भाग लेने के लिए आये स्वामी ने संवाददाताओं से कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई में वर्मा अच्छा काम कर रहे हैं. भाजपा सांसद ने कहा, मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को हटाने के बारे में पुनर्विचार करें. स्वामी ने कहा, आलोक वर्मा एक ईमानदार अधिकारी हैं, जबकि अस्थाना एक भ्रष्ट अधिकारी हैं.
यह पूछे जाने पर कि अस्थाना के विरुद्ध वह जो आरोप लगा रहे हैं, क्या उसके कोई सबूत उनके पास हैं, स्वामी ने कहा कि वह समुचित साक्ष्यों के बिना कुछ भी नहीं बोलते हैं. उन्होंने कहा, नीरव मोदी भाग गया, मेहुल चाझैकसी भाग गया, (विजय) माल्या के मामले में लुक आउट नोटिस को कमतर किया गया ताकि वह जा सके. ये चीजें भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा की मुहिम को कमजोर कर रही हैं, जबकि उसने विदेशों में रखे गये काले धन को वापस लाने का वादा किया है. स्वामी ने यह भी कहा कि यदि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ चल रही वर्तमान जांच में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह को हटा लिया जाता है, तो वह उन भ्रष्टाचार मामलों से हट जायेंगे जो उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दाखिल किये हैं.
वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ विभिन्न मामले दायर कर चुके स्वामी ने दावा किया कि भाजपा में भी चिदंबरम के कई शुभचिंतक हैं जो उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं. बहरहाल, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा, मैं उच्चतम न्यायालय में चिदंबरम के खिलाफ दायर किये सारे मामले, नेशनल हेराल्ड (मामले) सोनिया एवं राहुल गांधी के विरुद्ध दायर मुकदमा तथा शशि थरूर के खिलाफ उनकी पत्नी की (कथित) हत्या के मामले से खुद को अलग कर लूंगा. भाजपा नेता ने कहा, मैं जबकि पार्टी एवं राष्ट्र के हित में इन मामलों को लड़ रहा हूं, (हमारे) भीतर से कोई हमें पीठ पर छुरा मारने का प्रयास कर रहा है. मैं और क्या कर सकता हूं.