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राफेल पर बोले वायुसेना उपप्रमुख : सौदे को लेकर लगाये जा रहे आरोप वास्तविकता से परे

नयी दिल्ली : भारत और फ्रांस के बीच राफेल सौदे में गड़बड़ी को लेकर लगाये जा रहे आरोपों को वायुसेना उपप्रमुख एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने वास्तविकता से परे बताया है. उन्होंने कहा कि आरोप वास्तविकता से मेल नहीं खाते हैं. नांबियार यहां सुब्रोतो पार्क में आयोजित 8वें हेली पॉवर इंडिया-अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर […]

नयी दिल्ली : भारत और फ्रांस के बीच राफेल सौदे में गड़बड़ी को लेकर लगाये जा रहे आरोपों को वायुसेना उपप्रमुख एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने वास्तविकता से परे बताया है. उन्होंने कहा कि आरोप वास्तविकता से मेल नहीं खाते हैं.

नांबियार यहां सुब्रोतो पार्क में आयोजित 8वें हेली पॉवर इंडिया-अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे. उनसे फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों की आपूर्ति के लिए किये गये 58,000 करोड़ रुपये के सौदे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लगाये जा रहे आरोपों को लेकर सवाल पूछा गया था. कांग्रेस ने इस सौदे को लेकर सरकार पर कई आरोप लगाये हैं. एक आरोप विमानों की खरीद महंगे दाम पर करने का है. सरकार ने हालांकि, इन आरोपों को खारिज किया है, लेकिन विमान का दाम नहीं बताया. सरकार का कहना है कि 2008 में भारत-फ्रांस के बीच हुए समझौते के तहत विमान का दाम नहीं बताया जा सकता है.

राहुल गांधी का आरोप है कि राफेल लड़ाकू विमान का दाम कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार में 540 करोड़ रुपये प्रति विमान तय हुआ था, लेकिन भाजपा नेतृत्ववाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार में यह जादुई तरीके से बढ़कर 1,600 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. नांबियार ने कहा, ‘जो ये आंकड़े होने का दावा कर रहे हैं, मेरा मानना है कि उन्हें गलत जानकारी दी गयी है और संभवत: उन्हें उन तथ्यों के बारे में पता नहीं है जो कि भारतीय वायु सेना में हमारे पास है.’ उन्होंने कहा, ‘हम फ्रांस सरकार के साथ बातचीत का हिस्सा रहे हैं. हमारे पास इसके बारे में पूरी जानकारी है. मुझे नहीं लगता है कि जिस तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं वह सचाई के साथ मेल खाते हैं.’

नांबियार ने कहा, ‘मैं आपको बता सकता हूं कि जिस राफेल विमान को लेकर हमने सौदा किया है उसका दाम वर्ष 2008 की बातचीत के मुकाबले काफी कम है.’ उन्होंने कहा कि विमान खरीद की कुल लागत दो बातों पर आधारित है-पहला उसका कुल मूल्य और दूसरा भुगतान की शर्त. लड़ाकू विमान सौदे में आॅफसेट अनुबंध को लेकर लगाये जा रहे आरोपों के सवाल पर उनहोंने कहा, ‘रिकार्ड में जो तथ्य हैं, उनसे स्पष्ट संकेत मिलता है कि आरोपों में कोई सचाई नहीं है.’ भारत सरकार ने फ्रांस सरकार के साथ सितंबर 2016 में अंतर-सरकारी स्तर पर 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया था. इसकी डिलीवरी सितंबर 2019 से मिलनी शुरू हो जायेगी.

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