नेशनल कंटेंट सेल
पूरा गांव ही तबाह और बर्बाद हो गया. आज स्थिति यह है कि गांव में सिर्फ एक शख्स रह गया है. 100 घरों में से सिर्फ 35 घर बचे हैं और उनमें से भी अधिकतर घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं. गांव में बचे एकमात्र शख्स हैं सीए गनपति. बाढ़ के बारे बताते हुए वह कहते हैं कि गांव की सबसे बड़ी सड़क जहां दोनों तरफ दुकानें थीं. अब हर तरफ पानी में भीगा, सड़ा हुआ अनाज और दूसरा सामान बिखरा हुआ है. हर चीज कीचड़ से भरी है और हर तरफ ढेरों घास-फूस और दूसरा कचरा फैल गया है. बाढ़ की बेबसी गनपति के चेहरे पर साफ झलकती है. एक तरफ जहां केरल में लोगों की मदद को देश-विदेश से लोग आगे आ रहे हैं, वहीं हेब्बेटाकेरी में अब तक प्रशासनिक मदद भी नहीं पहुंच पाया है. गनपति को भी लोगों की मदद का इंतजार है.
पश्चिमी घाट पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील : विजयन ने सिफारिशों को पूरी तरह से लागू करने की वकालत करते हुए कहा कि मुख्य सुझाव पश्चिमी घाट को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र के रूप में संरक्षित करना था. पश्चिमी घाटों की रक्षा और संरक्षण संभव नहीं था क्योंकि हमें विकास की भी आवश्यकता है.

