नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री दयानिधि मारन की याचिका आज खारिज करते हुये कहा कि गैर कानूनी टेलीफोन एक्सचेंज प्रकरण में वह अदालत में मुकदमे का सामना करें. यह मामला दयानिधि मारन के भाई कलानिधि मारन के सन टीवी नेटवर्क को लाभ पहुंचाने के लिए स्थापित कथित गैर कानूनी टेलीफोन एक्सचेंज से संबंधित है.
मारन ने मद्रास उच्च न्यायालय के 25 जुलाई के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें इस मामले में आरोप मुक्त करने के सीबीआई अदालत के फैसले को निरस्त कर दिया गया था. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी और मुकदमे की सुनवाई के दौरान सारे आरोपों का जवाब दिया जा सकता है. यह मामला संप्रग-प्रथम सरकार में द्रमुक सुप्रीमो एम करूणानिधि के पौत्र दयानिधि मारन के बतौर संचार मंत्री के कार्यकाल से संबंधित है.
सीबीआई का आरोप है कि मारन ने अपने पद का दुरूपयोग करके चेन्नई के अपने आवासीय परिसरों में निजी टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित कराये थे. इनका इस्तेमाल सन टीवी नेटवर्क के कारोबारी लेन देन के लिए हुआ था. जांच ब्यूरो के अनुसार चेन्नई में मारन के बोट क्लब और गोपालपुरम इलाके में स्थित आवास परिसरों में उच्च शक्तिवाली 700 संप्रेषण लाइनें लगायी गयी थीं जिनका कभी भी बिल नहीं बना था और इस वजह से 1.78 करोड़ रूपए के राजस्व की हानि हुई.