गृहमंत्री का लोकसभा में बयान
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एनआरसी रिपोर्ट पर अाज लोकसभा में भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि इसमें केंद्र की क्या भूमिका है. यह सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में किया गया है. ऐसे संवदेनशील मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.
दरअसल, आज विपक्ष ने एनआरसी रिपोर्ट पर उच्च सदन राज्यसभा में हंगामा किया. असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर कांग्रेस, सपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे की वजह से आज राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. इससे पहले बैठक 12 बजे तक के लिए स्थगित की गयी थी, लेकिन सदन की कार्यवाही शुरू होने पर फिर हंगामा शुरू हो गया, जिसके कारण कार्यवाही स्थगित की गयी.
गृहमंत्री की पहली प्रतिक्रिया
असम के लिए जारी किए गए एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंनेे कहा है कि अगर किसी का नाम फाइनल लिस्ट में नहीं तो वे विदेशी ट्रिब्यूनल से संपर्क कर सकते हैं. उन्होंने कहा है कि किसी को इससे किसी को डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग अनावश्यक रूप से भय का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यह पूरी तरह से तटस्थ रिपोर्ट है. उन्होंने कहा है कि इस संबंध में किसी तरह का अफवाह नहीं फैलायें. यह फाइनल लिस्ट नहीं है.
तृणमूल, कांग्रेस व सपा का विरोध
नयी दिल्ली : असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर कांग्रेस, समाजवादीपार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे की वजह से आज राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दीगयी. हंगामे की वजह से आज उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाए. असम में एनआरसी का बहुप्रतीक्षित दूसरा और अंतिम मसौदा आज जारी हुआ है. असम के नागरिकों की पहचान के लिए सबूत माने जाने वाले एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी की मध्य रात्रि को जारी हुआ था.
आज जारी दूसरे और अंतिम मसौदे को लेकर ही उच्च सदन में कांग्रेस, सपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा किया. सभापति एम वेंकैया नायडू ने जैसे ही सदन में शून्यकाल शुरू करने को कहा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने एनआरसी का मुद्दा उठाया. उनकी पार्टी के सदस्यों के साथ ही कांग्रेस और सपा के सदस्यों ने भी एनआरसी के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की.
सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर चर्चा के लिए न तो कोई नोटिस मिला है और न ही कोई पत्र मिला है. उन्होंने कहा कि आज कुछ सदस्यों ने उनसे मुलाकात की और कहा कि आज वह एनआरसी का मुद्दा सदन में उठाना चाहते हैं. सभापति ने यह भी कहा कि उन्होंने खुद ही गृह मंत्री से सदन में आने का अनुरोध किया था ताकि सदस्यों के सवालों के जवाब दिए जा सके. नायडू ने सदस्यों से शांत होने की अपील करते हुए कहा कि वह स्वयं चाहते हैं कि एनआरसी के मुद्दे पर सदन में चर्चा हो. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह सदन में मौजूद हैं और वह चाहेंगे कि गृह मंत्री एनआरसी के मुद्दे पर अपना पक्ष रखें. नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वह कार्यवाही चलने दें अन्यथा सदन स्थगित कर दिया जाएगा. इसी दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्य आसन के समक्ष आ गए. सभापति ने उनसे अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की. बहरहाल, सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक को 11 बज कर करीब पांच मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. इससे पहले बैठक शुरू होने पर उच्च सदन के दिवंगत पूर्व सदस्य एन तंगराज पांडियन को श्रद्धांजलि दीगयी.
40 लाख लोग भारत के नागरिक नहीं : फाइनल ड्राफ्ट
गुवाहाटी : नेशनल रजिस्टर अॅाफ सिटीजन के स्टेट कॉडिनेटर प्रतीक हजेला ने आज असम के नागरिकों का फाइनल ड्राफ्ट जारी किया, जिसमें से 40 लाख लोगों के बारे में यह कहा गया है कि वे भारत के नागरिक नहीं हैं. इस लिस्ट में दो करोड़ 89 लाख 83 हजार छह सौ 77 लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है. इस लिस्ट से पहले असम के नागरिकों की संख्या तीन करोड़ 29 लाख बतायी जाती थी.
WATCH: National Register of Citizens draft released #Assam https://t.co/ZAg8rFGrGb
— ANI (@ANI) July 30, 2018
Two crore eighty nine lakhs, eighty three thousand six hundred and seventy seven people have been found eligible to be included in the National Register of Citizens: State NRC Coordinator #NRCAssam pic.twitter.com/eAseDjSmZm
— ANI (@ANI) July 30, 2018
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के देख रेख में असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर अपडेट का काम शुरू हुआ था. वरिष्ठ आईएस अफसर प्रतीक हजेला को यह काम सौंपा गया था. पूरी प्रक्रिया में छह करोड़ से अधिक कागजात का निरीक्षण किया. कई देशों में भी छानबीन के लिए कागजात भेजे गये थे. इस पूरे प्रक्रिया में पचपन सरकारी कर्मचारी जुड़े रहे. एन आर सी के पहले मसौदे में एक दशमलव नौ करोड़ लोगों का नाम शामिल था.
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कल इस सिलसिले में गुवाहाटी में सर्वदलीय बैठक बुलायी थी. बैठक में राजनीतिक दलों ने राज्य सरकार को इस प्रक्रिया में सहयोग का आश्वासन दिया. बैठक के बाद सोनोवाल ने संवाददाताओं से कहा कि यदि किसी नागरिक का नाम मसौदे में शामिल नहीं है तो उसे दावा करने और आपत्ति दर्ज करने का अवसर दिया जाएगा.असम के डी जी पी कुलाधर सैकिया ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए राज्य में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये हैं.