जम्मू : कठुआ बलात्कार एवं हत्याकांड के कुछ आरोपियों की पैरवी कर रहे एक वकील ने रविवार को दावा किया कि इस जघन्य घटना के पीछे जिहादियों का हाथ है और जम्मू-कश्मीर की धार्मिक जनांकिकी (डेमोग्राफी) में बदलाव लाने की मंशा से आठ साल की लड़की का शव रखा गया था. अंकुर शर्मा नाम के इस वकील ने अपने आरोप के समर्थन में कोई साक्ष्य पेश नहीं किया है.
उसने यह आरोप ऐसे समय में लगाया है जब इस मामले के शिकायतकर्ता ने शनिवार को ही पठानकोट की जिला एवं सत्र अदालत में अपना बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया पूरी की. शिकायतकर्ता ने कहा कि मुख्य आरोपी सांझी राम खानाबदोश समुदाय को निशाना बनाता रहता था ताकि वे गांव में बस नहीं सकें. कठुआ कांड के आरोपियों की पैरवी कर रहे वकीलों में शामिल शर्मा ने राज्य के राज्यपाल एन एन वोहरा से कहा कि वह तत्काल इस मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दें.
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बहरहाल, न्यायिक विशेषज्ञों ने शर्मा के दावे और मांग पर आश्चर्य प्रकट किया क्योंकि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर यह मामला जिला एवं सत्र अदालत को सौंपा गया है और निचली अदालत पहले ही आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर चुकी है. शर्मा ने कहा कि मामला सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए, क्योंकि जिहादियों ने हत्या को अंजाम देकर वहां शव रख दिया और इलाके की धार्मिक जनांकिकी को बदलने की मंशा से हत्या की गयी.
गौरतलब है कि शर्मा सहित बचाव पक्ष के कुछ वकीलों ने बीते मई में उच्चतम न्यायालय का रुख कर इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपने की मांग की थी. लेकिन शीर्ष न्यायालय ने इन वकीलों का अनुरोध नहीं माना. न्यायालय ने मुकदमे की सुनवाई कठुआ की सत्र अदालत की बजाय पंजाब के पठानकोट की जिला एवं सत्र अदालत में करने के निर्देश दिये.
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एक अल्पसंख्यक खानाबदोश समुदाय की आठ साल की लड़की 10 जनवरी को जम्मू क्षेत्र के कठुआ से सटे अपने गांव से लापता हो गयी थी. एक हफ्ते बाद उसका शव उसी इलाके में पाया गया था.